सत्य खबर
यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, हवा की दिशा पूर्वी होने और पराली का धुआं कम रहने से गुरुवार को वायु प्रदूषण के स्तर में और अधिक सुधार देखने को मिला। दिल्ली-एनसीआर में सभी जगह एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी के निचले स्तर पर रहा। दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी केवल दो फीसद रही, लेकिन हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी होने से शुक्रवार को इसमें दोबारा वृद्धि होने लगेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 314 दर्ज किया गया।
क्यों बढ़ा प्रदूषण ?
कई विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश की कमी के कारण इस साल जमीन की शुष्कता बढ़ी है, जिसके कारण वायू प्रदूषण (Air Pollution) में बढ़ोत्तरी हुई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार, 2 सप्ताह तक इसी तरह मौसम में शुष्कता (Dryness) बनी रहेगी। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वायु प्रदूषण की चपेट में आए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून के हट जाने के कारण 1 अक्टूबर, 2020 से बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है।
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पटाखे नहीं जले तो इस बार दीवाली पर पीएम 2.5 होगा चार साल में सबसे कम
सफर इंडिया के मुताबिक दीवाली पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर होगा, लेकिन अगर इस बार पटाखे नहीं जले तो प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर पिछले चार सालों में सबसे कम हो सकता है। मालूम हो कि मनुष्य के बाल के व्यास के महज तीन फीसद आकार का यह प्रदूषक कण दिल और फेफड़ों की बीमारी का कारक बन सीधे मौत की वजह तक बन जाता है।
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