चंडीगढ़। बरोदा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आमने-सामने आ गए हैैं। हुड्डा ने सोनीपत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बरोदा से उनके सामने चुनाव लडऩे की चुनौती दी थी। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि बरोदा सोनीपत में ही है और सोनीपत से हुड्डा पहले ही लोकसभा चुनाव हार चुके हैैं। इसलिए उनकी चुनौती में कोई दम नहीं है। दोनों बापू-बेटा (भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा) चुनाव हार चुके हैं।
उपचुनाव को लेकर मनोहर और हुड्डा में भिड़ंत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच इस जुबानी जंग के राजनीतिक मतलब हैैं। इस बार भाजपा व जजपा मिलकर यहां चुनाव लड़ रहे हैैं। कांग्र्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन की वजह से बरोदा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यह सोनीपत जिले में पड़ती है,जिसे देसवाली बेल्ट माना जाता है। यहां हुड्डा का दबदबा रहा है। भाजपा इस सीट पर आज तक चुनाव नहीं जीत सकी, लेकिन कांग्रेस से पहले इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के उम्मीदवार बरोदा से चुनाव जीतते रहे हैैं।
दीपेंद्र हुड्डा पर भी मनोहर लाल ने कसा तंज
भाजपा को अब अपनी सहयोगी पार्टी जजपा के दुष्यंत चौटाला के साथ पर पूरा भरोसा है। हुड्डा ने रविवार को आरोप लगाया था कि छह साल सरकार ने बरोदा की सुध नहीं ली और अब वह यहां के लोगों को सत्ता में भागीदारी का लालच दिखा रहे हैैं। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि पहले हुड्डा ने सोनीपत से लड़कर देख लिया। बरोदा सोनीपत में ही है। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक से चुनाव लड़कर देख लिया। लोकसभा में दोनों चुनाव हार गए।
हुड्डा ने थी अपने सामने चुनाव लडऩे की चुनौती
मनोहर लाल ने दीपेंद्र के राज्यसभा जाने पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि विधायकों के कंधे पर चढ़कर दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा पहुंच गए,यह अलग बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हुड्डा तो यह भी कहते थे कि सरकार नहीं चलेगी। इस बार जजपा-भाजपा मिलकर पहली चुनाव लड़ेंगे और पहली बार भाजपा बरोदा उपचुनाव जीतेगी। भले ही आज तक हम बरोदा से चुनाव नहीं जीते हैैं।
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