सत्य खबर, सोनीपत।
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सोमवार को एसकेएम के पदाधिकारियों ने जारी एक ब्यान में मीडिया को कहा कि भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं को किसानों की अभिव्यक्ति की शिकायत करने के बजाय, उनके गुस्से की जड़ को समझना चाहिए। उन्होंने बताया कि ईंधन कीमतों में वृद्धि के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि 19 जुलाई 2021 से प्रारंभ होने वाले आगामी संसद सत्र के दौरान वह संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा। जबकि 22 जुलाई 2021 से हर दिन एसकेएम से जुड़े प्रत्येक संगठन के पांच प्रदर्शनकारी भारतीय संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। एसकेएम विपक्षी दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखेगा कि वे सक्रिय रूप से किसानों की मांगों को उठाएं। इस बावत एसकेएमम ने कहा कि हम चाहते हैं कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करें कि किसानों का आंदोलन और उसकी मांगें मुख्य मुद्दा बनें और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए।
हम नहीं चाहते कि विपक्ष हंगामा करे या कार्यवाही से बाहर जाए। लेकिन संसद के अंदर रचनात्मक रूप से शामिल हों, जबकि किसान बाहर विरोध करते रहेंगे।
वहीं 8 जुलाई को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ एसकेएम के आह्वान पर पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। चिह्नित सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शनकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे खाली रसोई गैस सिलेन्डर और अपने वाहनों के साथ आएं और सडक़ के किनारे पार्क करें। यहां वे पोस्टर, तख्तियां और बैनर के साथ विरोध करेंगे। यह प्रदर्शन सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के बीच किया जाएगा।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने ब्यान में बताया कि ऐसी खबर है कि पंजाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पार्टी नेताओं के खिलाफ हर जगह हो रहे विरोध पर चर्चा के लिए समय मांगा है। यह आवश्यक है कि भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के नेता किसानों के गुस्से और हताशा की अभिव्यक्ति के बारे में शिकायत करने के बजाय, किसानों के गुस्से के मूल कारण को समझें। इन नेताओं को यह समझना चाहिए कि किसानों के लिए यह वर्तमान संघर्ष जीवन-मरण का मामला है। हरियाणा में पानीपत में किसानों के विरोध के कारण विधायक महिपाल टांडा ने एक सडक़ उद्घाटन कार्यक्रम को रद्द कर दिया, जिसमें उनके भाग लेने की उम्मीद थी। बताया जाता है कि विधायक ने अपने भाई को अपने स्थान पर उद्घाटन के लिए भेजा था।
उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भाजपा उत्साहित है। खबर है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी उन जिलों में जीती है जहां किसान आंदोलन की जड़ें हैं। पार्टी और सीएम यह भूल रहे हैं कि अभी कुछ समय पहले जब राज्य में पंचायत चुनाव हुए थे तो 3050 में से करीब 765 सीटें ही बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को मिली थी। भाजपा सहित किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में सबसे ज्यादा सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। यह प्रत्यक्ष चुनाव के मामले में था जहां किसानों और अन्य लोगों ने पहले ही अपना स्पष्ट जनादेश दे दिया था। ब्यानजारी करने वालों में बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ.दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा कक्का, युद्धवीर सिंह व योगेंद्र यादव शामिल हैं।
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