सत्यखबर, चंडीगढ़: अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश पदाधिकारियों की प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक की गई। जिसमें प्रदेशभर से संस्था के सभी पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्रों से ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए। इस ऑनलाइन बैठक में प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने सभी पदाधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट लेने के उपरांत सरकार द्वारा 20 अप्रैल को ई कॉमर्स खोले जाने का विरोध करते कहा कि ऑनलाइन बिक्री प्रारम्भ होने से छोटे दुकानदारों एवं व्यपारियों को नुकसान होगा। बैठक की शुरूआत प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला के नेतृत्व में कोरोना से अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजली एवं इस बिमारी से लडऩे वाले डॉक्टर, हॉस्पिटल स्टाफ, पुलिस व सफाई कर्मचारियों को नमन करते हुए की गई। इस बैठक में राज्यभर से 135 पदाधिकारियों ने भाग लिया। तत्पश्चात बैठक की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अनुपस्थित में आवश्यक खाद्य सामग्री की सप्लाई करना कैसे सम्भव होगा। प्रदेशाध्यक्ष ने स्कूलों द्वारा फीसें लेने के संबंध में दिए निर्देशों बारे कहा कि एक तरफ सरकार अभिभावकों से फीस न लेने की बात कह रही है और शिक्षकों को पूरा वेतन देने बात कर रही है यह विरोधाभासी है। ऐसे समय में प्रदेश में किसी भी सामाजिक संस्था द्वारा आपसी तालमेल करने का यह एक पहला प्रयास है। इस बैठक में कोरोना महामारी के कारण राज्य में उत्पन्न हुई स्थिति के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि वैश्य समाज का बड़ा हिस्सा लघु व मध्यम उद्योग व व्यापार से जुड़ा हुआ है ऐसे में उनकी माली हालत बिल्कुल खराब हो चुकी है। पदाधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग क्षेत्रों में उनकी टीमें गरीब व जरूरतमंद तबके तक नि:शुल्क व नि:स्वार्थ भाव से राशन, भोजन, स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध करवाने में लगी हुई है। इसके बावजूद पीएम व सीएम फंड में भी उनके द्वारा योग्यतानुसार दान दिया गया है लेकिन उनके व्यापार व उद्योग बचाने की जुगत में प्रदेश व केन्द्र सहायता की अभी तक दरकार बनी हुई है।
पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार 20 अप्रैल से राशन व आवश्यक वस्तुओं की ऑनलाईन बिक्री शुरू करने वाली है जिसका सबसे बड़ा नुकसान स्थानीय लघु व मझले दुकानदारों, व्यापारियों व उद्योगों को उठाना पड़ेगा। इस दौरान प्रदेश व केन्द्र सरकार से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाईन बिक्री के साथ स्थानीय दुकानदारों को योजनावद्ध तरीके से उनके व्यापार को चलाने के लिए सरकार द्वारा दिशा-निर्देश दिए जाने चाहिए और ऑनलाईन के बजाए उनके माध्यम से लोगों के घरों तक डिलीवरी का सिस्टम तय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों के रोजगार उन्हीं में उनकी बड़ी भूमिका है। मजदूर से लेकर मुंशी तक के घर का चुल्हा उन्हीं पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी व्यापारियों व उद्योगपतियों को अपने यहां काम करने वाले लोगों को नौकरी से न निकालने के साथ उनके तीन महीनें की वेतन का फरमान जारी किया है और व्यापारी वर्ग भी सभी की मदद चाहता है कि उनके द्वारा किसी का नुकसान न हो लेकिन लॉकडाउन के पहले से ही जारी आर्थिक मंदी व इस महामारी में हुए काम ठप्प होने की दिशा व लघु व मझले उद्योग अपने स्वयं का पेट भरने की हालात में नहीं है तो वह अपने कर्मचारियों की देखरेख कैसे करेगा। ऐसी स्थिती से निपटने के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार को एक बड़ा आर्थिक पैकेज का ऐलान छोटे दुकानदारों, लघु व मझले व्यापारियों तथा उद्योगधंधों के लिए करना चाहिए। सभी पदाधिकारियों ने स्कूल अध्यापकों के वेतन व बच्चों की फिस पर भी चर्चा की। इस दौरान सभी पदाधिकारियों ने प्राईवेट स्कूल संचालकों से बच्चों की तीन महीनें की फीस न लेने व अध्यापकों का वेतन सरकारी सहायता से दिलवाने के लिए प्रदेश सरकार से मांग की। प्रदेशाध्यक्ष द्वारा प्रत्येक विधानसभा अध्यक्ष एवं लोकसभा अध्यक्ष से उनके क्षेत्र में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान संस्था द्वारा की जा रही गतिविधियों की रिपोर्ट ली गई एवं मार्गदर्शन किया गया। सिंगला ने बताया कि बैठक में साथ ही प्रदेशाध्यक्ष द्वारा दिशा निर्देश बताये गए कि सभी पदाधिकारी अपने स्थानीय प्रशासन से मिलकर प्रवासी मजदूरों, जरूरतमंदों एवं गरीब लोगों की पूर्ण सहायता करें। ऑनलाइन बैठक में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष तायल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीनिवास गुप्ता, एमपी जैन, महासचिव राजेश सिंगला, उपाध्यक्ष अमरनाथ गुप्ता, बलराम गर्ग, पंकज ललित बंसल, पवन अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, पंकज मित्तल, राजीव गर्ग नरवाना, प्रोफेशनल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अधिवक्ता विभोर बंसल, चुनाव समन्यव समिति के अध्यक्ष विकास गर्ग, महिला प्रदेशाध्यक्ष सुशीला सर्राफ, युवा प्रदेशाध्यक्ष नवदीप बंसल, छात्र इकाई संयोजक कोणार्क बुवानीवाला, छात्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश गर्ग, राहुल जैन रोहतक, मोहित बंसल नरवाना, रजनीश गुप्ता, निकुंज गर्ग, बीएस गर्ग ने भी इस बैठक में अपने विचार रखे।
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