सत्यखबर, करनाल
करनाल में आज बसताड़ा टोल पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों की महापंचायत है। अनाज मंडी करनाल में महांपचायत होगी। इसके बाद किसान अनिश्चितकाल के लिए मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे। घेराव के ऐलान के मद्देनजर हरियाणा सरकार और करनाल प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए हैं।प्रदेश के 5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद कर दी गई हैं। गृह सचिव-1 डॉ. बलकार सिंह के आदेश के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच जिलों में करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद में सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहेगी।
करनाल के SP गंगाराम पुनिया ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस पूरी मुस्तैद है। धारा-144 लागू है। किसानों को मिनी सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पैरामिल्ट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस की 30 कंपनियां नियुक्त की गई हैं। पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियां अलग से लगाई गई हैं। 5 SP और 25 HPS कम DSP की ड्यूटी लगाई है। इनके साथ वाटर कैनन और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। शहर का लगभग पूरा हिस्सा सील है। पुलिस की तरफ से 18 नाके लगाए गए हैं। जीटी रोड से लघु सचिवालय तक आने वाले रास्ते और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक किया गया है। पुलिस जवानों को रात को ही रेत से भरे ट्रक मिल गए थे, जिन्हें नाकों पर अड़ाकर रास्ते ब्लॉक किए गए हैं।
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रोडवेज बसों का संचालन और आवागमन कम कर दिया गया है। सोमवार रात से ही दर्जनभर बसों को उनके मूल मार्गों पर नहीं भेजा जा रहा है। बसें कम आने से पब्लिक शहर में नहीं आ पाएगी और भीड़ से राहत मिलेगी। फिलहाल चंडीगढ़-नई दिल्ली नेशनल हाईवे चल रहा है, लेकिन हाईवे से उतरकर करनाल शहर में लोगों को आने नहीं दिया जा रहा है। अगर किसानों का प्रदर्शन उग्र हुआ तो हाईवे बंद करके मार्ग अवरुद्ध किया जा सकता है। उस स्थिति में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्ट प्लान तैयार किया हुआ है। हाईवे बंद होने की स्थिति में जीटी रोड पर दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को पानीपत से और चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले ट्रैफिक को कुरुक्षेत्र से ही डाइवर्ट कर दिया जाएगा। वाहनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग 4 रूट बनाए गए हैं।
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि किसानों की महापंचायत की वजह से नई दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे (नेशनल हाईवे-44) से करनाल शहर में आवाजाही बाधित रहेगी। हाईवे के ऊपर से निकल सकते हैं, लेकिन हाईवे से उतरकर करनाल शहर में एंट्री बैन है। शहरवासियों से भी अपील है कि वे शहर में ही रहें। यदि जरूरी काम की वजह से लोगों को हाईवे पर आना पड़े और कहीं पर किसी वजह से ट्रैफिक अवरुद्ध हो तो जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से तय किए वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि हाईवे पर किसी तरह की कोई बाधा हो तो ट्रैफिक थाना प्रभारी से उनके मोबाइल नंबर-9729990722 और सिटी ट्रैफिक इंचार्ज से उनके मोबाइल नंबर- 9729990723 पर संपर्क किया जा सकता है।
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सोमवार दोपहर को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं और करनाल के प्रशासनिक अफसरों के बीच मिनी सचिवालय में बैठक हुई थी, जो बेनतीजा रही। एक घंटे चली इस बैठक में जिला प्रशासन की ओर से डीसी निशांत कुमार यादव, एसपी गंगाराम पुनिया और किसानों की ओर से भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जिला प्रधान जगदीप औलख समेत 6 सदस्य शामिल हुए। बैठक के बाद चढ़ूनी ने कहा कि जिला प्रशासन ने 30 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज में मारे गए किसान सुशील काजल के बेटे को डीसी रेट पर नौकरी देने का ऑफर किया है, जो स्वीकार करने योग्य नहीं है। उनकी अन्य मांगों पर जिला प्रशासन ने कोई चर्चा नहीं की।
करनाल जिला कोर्ट की तरफ से सोमवार को 8 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया। नोटिस में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ग्रुप, अजय राणा ग्रुप, रतनमान ग्रुप, गन्ना समिति, भाकियू, भाकिसं वगैरह को आदेश दिया गया है कि वह कानून को हाथ में न लें और न ही किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। कोर्ट की ओर से करनाल के डीसी व एसपी को भी नोटिस जारी किया गया कि महापंचायत की वजह से आमजन को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इससे जुड़ी उचित व्यवस्था की जाए। पुलिस ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई किसान घायल हो गए थे। आरोप है कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल ने अगले दिन दम तोड़ दिया था। 30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें की थी। इनमें सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा व एक मेंबर को सरकारी नौकरी देना, घायल किसानों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग शामिल थी। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 6 सितंबर तक उनकी ये तीनों मांगे पूरी नहीं की गई तो 7 सितंबर को करनाल में दोबारा महापंचायत कर मिनी सचिवालय का घेराव किया जाएगा, लेकिन 6 सितंबर को हुई बैठक बेनतीजा रही। परिणामस्वरूप किसान प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
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