सत्य खबर, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के फ्रंटलाइन वर्कर्स में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. एक के बाद एक डॉक्टरों के कोरोना से संक्रमित होने की खबर आ रही है. कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 72 घंटों में 80 डॉक्टर और जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्र कोरोना से संक्रमित हुए हैं. संक्रमितों में चार सहायक अधीक्षक भी शामिल हैं. कुल मिलाकर कोविड संक्रमितों की संख्या करीब सौ के करीब है. छात्रों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है.
इसके साथ ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 25 डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोविड से संक्रमित हुए हैं. इस बीच आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाद इस बार नेशनल मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना की दहशत फैल गई है. नेशनल मेडिकल कॉलेज के छात्रावास को पहले ही खाली करने का आदेश दिया जा चुका है. कोरोना का संक्रमण इस बार नेशनल मेडिकल कॉलेज पर पड़ा है. कॉलेज प्रशासन ने आज तक छात्रावास खाली करने का आदेश दिया है.
अस्पतालों में तेजी से फैल रहा है कोरोना का संक्रमण
आशंका जताई जा रही है कि हॉस्टल से कोरोनावायरस और तेजी से फैल सकता है. क्योंकि, हॉस्टल कई लोग एक साथ एक जगह रहते हैं. ऐसे में अगर एक व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसके तेजी से फैलने का खतरा होता है. हॉस्टल में रहने वाले भी साथ में खाते-पीते हैं. सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, स्थिति और जटिल होने से पहले छात्रावास को खाली करने का निर्देश दिया गया है. इस बीच, हावड़ा में 46 स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने की सूचना है. उलुबेरिया अनुमंडल अस्पताल के अधीक्षक समेत 12 लोग प्रभावित हुए हैं. हालांकि स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. नतीजतन, स्वास्थ्य विभाग के लिए इस समय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है.
एसएसकेएम अस्पताल सहित कई अस्पताल हैं संक्रमण के चपेट में
एसएसकेएम अस्पताल के मामले में भी स्थिति काफी खराब है. पिछले 24 घंटे में 26 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हुए हैं. तीन दिनों में यह संख्या पचास को पार कर गई है. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शंभूनाथ पंडित अस्पताल और पुलिस अस्पताल से प्रभावित डॉक्टरों की कुल संख्या 100 से अधिक हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. संक्रमण जंगल की आग की तरह फैल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, स्थिति इतनी चिंताजनक है कि एसएसकेएम अधिकारियों ने आपात बैठक कर आइसोलेशन की अवधि को घटाकर पांच दिन करने का फैसला किया है. कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, ईएनटी, गायनोकोलॉजी समेत कई विभागों के चिकित्सकों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
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