सत्यखबर, नई दिल्ली
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है लेकिन उससे पहले ही विपक्ष के नेताओं की मुलाकातों का दौर शुरू हो रहा है. शीतकालीन सत्र से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचने वाली हैं. बनर्जी 22 नवंबर से 25 नवंबर तक दिल्ली में रहेंगी. इस दौरे पर ममता पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत विपक्ष के कई सीनियर लीडर्स से मुलाक़ात कर सकती हैं. दिल्ली में ममता की मुलाकात बीजेपी सांसद वरुण गांधी से भी हो सकती है.
इससे पहले मई में जीत दर्ज करने बाद ममता जून में दिल्ली आई थीं और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कमलनाथ और आनंद शर्मा जैसे सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी. जून के दौरे पर उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा में विपक्ष इस बार बीजेपी से ज्यादा मजबूत होगा. उन्होंने इस बात का भी दावा किया था कि 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष एक इतिहास रचेगा. सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि इस बार का लोकसभा चुनाव मोदी बनाम देश वाला होगा. अब इस मुलाक़ात में भी वे कांग्रेस, सपा, बसपा जैसी पार्टियों के नेताओं से मुलाक़ात कर सकती हैं.
वरुण गांधी से हो सकती है मुलाक़ात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने दिल्ली दौरे में ममता बनर्जी बीजेपी सांसद वरुण गांधी से भी मुलाकात कर सकती हैं. ऐसी चर्चाएं हैं कि वरुण गांधी बीजेपी का दामन छोड़कर टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. हाल ही में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर कर दिया था. उत्तर प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के मद्दे नजर ममता बनर्जी की इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है. बनर्जी पिछले कई महीनों से लगातार विपक्ष को एकजुट करने में लगी हुई हैं. माना जा रहा है कि इस बार वह कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से दिल्ली के दौरे पर जा रही हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने साधा निशाना
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद कानून निरस्त किए जाने का श्रेय लेने के लिए ”झूठे” दावे कर रही है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि जहां राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता देश भर में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में खड़े रहे, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली की यात्रा के दौरान प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए जंतर-मंतर तक नहीं गईं.
अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ”हमने 11 महीने तक किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, तब तृणमूल कांग्रेस कहां थी? ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी अब खुद अपना मजाक बना रही है.” चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी और उनके सहित अन्य नेता जंतर मंतर पर किसान पंचायत में गए थे और वहां आंदोलन के नेताओं के भाषण सुने थे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि टीएमसी किसानों के आंदोलन में अपनी भूमिका और उनके समर्थन के बारे में झूठे दावे कर रही है. उन्होंने कहा, ”किसान आंदोलन की शुरुआत के बाद से, कांग्रेस ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में आंदोलन किए हैं.”
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