सत्य खबर, नई दिल्ली, ब्यूरो रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत की राजनीति को दिल्ली की जनता के सामने उजागर करने को लेकर प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में दिल्ली प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी एवं प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने कहा कि विधानसभा चुनाव को नजदीक आते देख कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे से हाथ मिलाकर मिलीभगत कर निचले स्तर की राजनीति कर रहे हैं, यह एक चिन्ता की बात है। भ्रष्टाचार, हिंसा और मुस्लिम तुष्टिकरण पर दोनों पार्टियां एक साथ मिल गयी है। बाहर से इनका चेहरा अलग दिखाई दे रहा है। दोनों पार्टीयां भाजपा से घबराकर इस समय एक दुसरे के साथ अन्दर खाने गठबंधन में लगी है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 56.8 प्रतिशत वोट मिले वहीं 22.46 प्रतिशत कांग्रेस को वोट मिले और आम आदमी पार्टी तीसरें नम्बर की पार्टी बनी। उसका कारण था दोनों पार्टियां गठबंधन करना चाह रही थी लेकिन अन्तिम समय में जनता के सामने एक्सपोज हो गई तो लोगों ने अपना समर्थन भाजपा को दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चाहे नागरिकता संशोधन कानून हो चाहे एनपीआर हो या फिर जेएनयू हो सभी मुद्दों पर दिल्ली में सोची समझी राजनीति के तहत एक विशेष वर्ग को एक साथ मिलकर हिंसा के लिए भड़काया उकसाया और पूरी तरह से दंगे कराने की कोशिश की। मकसद था दिल्ली विधानसभा के चुनाव को प्रभावित करने के लिए जेएनयू के छात्रों का प्रयोग करके मोदी सरकार पर राजनीतिक प्रहार करना शुरू किया।
विजय गोयल ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के आसीफ मोहम्मद खान दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान दोनों एक ही मंच के ऊपर जनता को भड़काने का उकसाने का काम कर रहे थे। सीलमपुर में आम आदमी पार्टी के हाजी इश्राक और कांग्रेस के मतीन अहमद सीलमपुर में दंगें कराने के लिए एक दूसरे के पीछे नहीं एक दूसरे के साथ खड़े थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर कहा कि आन्दोलन करो ताकि लोग भड़के। मनीष सिसोदिया उनसे एक कदम आगे निकले उन्होनें झूठी पोस्ट डाली जिसमें पुलिस वाला बस को जला रहा है। अमानतुल्लाह खान ने जनसभा कर कहा कि बुर्खा नमाज और लाउडस्पीकर नहीं लगाने दिये जायेगें। जनता के सामने आ चुका है कि जेएनयू में हुई हिंसा के लिए किस तरह विपक्षी पार्टियां जिम्मेदार है। कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और आम आदमी पार्टी के केजरीवाल दोनों किस तरह से मिले हुये है उसके अनेकों उद्दाहरण है। आम आदमी पार्टी 2013 में यह कहकर सत्ता में आयी कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार किया। शीला दीक्षित पर 375 पेज का आरोप पत्र लगाते हुये कहा था कि सत्ता में आते ही उन्हें जेल में डाल देगें। आज आम आदमी पार्टी 375 पेज के आरोप पत्र की बात नहीं करती है। एक शब्द भी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के 15 साल के कार्यकाल को लेकर नहीं कहा, कभी उनके भ्रष्टाचार को लेकर पांच सालों में कोई चर्चा नहीं की। वहीं कांग्रेस ने भी कोई बयान आम आदमी पार्टी के पांच साल के कार्यकाल को लेकर नहीं दिया है । दोनों दलों ने जेएनयू और सीलमपुर में हुई हिंसा की निन्दा नहीं की। जेएनयू में हुई हिंसा का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समर्थन कर रही है। भ्रष्टाचार को लेकर भी दोनों एक साथ खड़े है। आज आम आदमी पार्टी का अस्तित्व कांग्रेस के कारण है इन्हीं केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाई थी कि कांग्रेस का समर्थन न लेगें न देगें। इसलिए क्योंकि कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर ही आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी
विजय गोयल ने कहा कि कांग्रेस का समर्थन लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई। अगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बनी होती तो दिल्ली वालों को राहत मिली होती भ्रष्टाचार से और दिल्ली का समग्र विकास भी हो गया होता। कांग्रेस के प्रभारी पी सी चाको ने कहा कि आम आदमी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा और जब उनको बहुमत नहीं मिलेगा तब कांग्रेस उन्हें समर्थन देगी। यह दोनों दल अंदर खाने में मिले हुये है चोर चोर मौसेरे भाई यह कहावत इन दोनों दलों पर सार्थक होती है। इन दोनों पार्टीयों को सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की चिंता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी खुला गठबंधन और पीछे के दरवाजे से भी गठबंधन कर सकती है। 1984 के दंगों को लेकर क्योंकि कांग्रेस के नेता उसमें शामिल थे इसलिए आम आदमी पार्टी ने मुंह पर पट्टी बांध रखी हैं। दंगा पीड़ितों को राहत देने के लिए केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया केन्द्र सरकार ने उन्हें समुचित न्याय देने का काम किया। देश के टुकड़े टुकड़े चाहने वालों पर केस चलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने इजाजत नहीं दी और कांग्रेस ने इस पर अपना रूख साफ नहीं किया। पिछले दिनों किसान रैली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेता ने मंच साझा किया। कुमारस्वामी के शपथ में मंच पर भी साथ नजर आये तो लोकसभा चुनाव से पहले भी गुलाम नबी आजाद और संजय सिंह गठबंधन की सीटों को लेकर चर्चा कर रहे थे। सीएए के ऊपर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का स्टैंड एक जैसा है दोनों ने चुप्पी साध रखी है।
गोयल ने कहा कि मेरे आम आदमी पार्टी से चार सवाल हैंः पहला सवाल – कांग्रेस के 15 साल के भ्रष्टाचार पर केजरीवाल का क्या स्टेन्ड है जो उन्होने 375 पेज के आरोप लगाये थे। उन्होनें कांग्रेस से भी माफी मांग ली है क्या। दूसरा सवाल- 1984 के दंगों के लिए क्या वो गांधी परिवार से माफी मांगने को कहेगें। तीसरा सवाल- क्या एक बार फिर बच्चों की कसम खाएंगे कि कांग्रेस को न समर्थन देंगे न लेगें। चैथा सवाल – टुकड़े-टुकड़े गैन्ग के कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने के लिए अब तक तो इजाजत क्यों नहीं दी। कांग्रेस भी इस पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे।
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