सत्यख़बर, सोनीपत
नगर निगम के मेयर का चुनाव रोमांचक मोड़ में पहुंचता दिख रहा है। जहां कांग्रेस से मेयर की टिकट नहीं मिलने से बगावत करके पूर्व चेयरमैन अशोक छाबड़ा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। अशोक छाबड़ा ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद नामांकन किया।
वहीं पार्षद का टिकट नहीं मिलने पर कई ने भाजपा को छोड़ दिया है, जिनमें किसी ने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला लिया है तो किसी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं निगम चुनाव में मेयर पद के लिए 16 नामांकन हुए हैं तो पार्षद के लिए 121 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है।
कांग्रेस में मेयर के टिकट के लिए निखिल मदान व नप के पूर्व चेयरमैन अशोक छाबड़ा दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस ने निखिल मदान को मेयर प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। इसके बाद से अशोक छाबड़ा नाराज होकर बगावत पर उतर आए। उनको मनाने का कांग्रेस के नेता प्रयास करते रहे, लेकिन वह घर नहीं मिले और उन्होंने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था।
अशोक छाबड़ा ने बुधवार को पहले कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया और उसके बाद निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन करने के बाद अशोक छाबड़ा ने आरोप लगाया कि गलत तरीके से टिकट का बंटवारा किया गया है और इस कारण ही उन्होंने निर्दलीय नामांकन किया है।
वहीं भाजपा ने मेयर के टिकट के दावेदार पूर्व सीपीएस अनिल ठक्कर को भले ही मना लिया हो, लेकिन उनके कई कार्यकर्ताओं ने पार्षद का टिकट नहीं मिलने पर बगावत शुरू कर दी है। जहां पवन तनेजा ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है, वहीं मंजीत आंतिल भी बगावत पर उतर आए हैं। जबकि कई अन्य भी बगावती तेवर अपना रहे है।
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