सत्य खबर, सोनीपत । आंदोलन चलाना है या अब समाप्त करना है, इस मुद्दों पर किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच बैठकों का दौर लगातार जारी है. पिछले एक हफ्ते से सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ पंजाब जत्थेबंदियों और हरियाणा के किसान संगठन कई बैठक कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आखिरी फैसला नहीं हुआ है. बुधवार को एसकेएम ने इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया. भाकियू (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने जानकारी दी है कि हरियाणा किसान संगठन और पंजाब जत्थेबंदियां अलग-अलग बैठक करेंगी.
गुरनाम सिंह चढूनी ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए फोन आया था, लेकिन शर्त रखी गई थी कि पहले किसान संगठनों को आंदोलन खत्म करने की घोषणा करनी होगी. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी बैठक तय था, जिसे रद्द कर दिया गया है. गुरनाम चढूनी ने कहा कि जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते ये आंदोलन जारी रहेगा.
हरियाणा-पंजाब के किसानों की अलग-अलग बैठक: जानकारी के मुताबिक बुधवार 11 बजे हरियाणा के नेता अलग बैठक कर अपनी राय बनाएंगे. वहीं दोपहर 1 बजे पंजाब के किसान नेता बैठक कर तमाम पहलुओं पर चर्चा करेंगे. जानकारी है कि पंजाब के ज्यादातर किसान आंदोलन वापस लेने पर सहमत हो चुके हैं. वहीं कुछ संगठनों का कहना है कि अभी जबतक उनकी मांगें 100 प्रतिशत लागू नहीं हो जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा.गौरतलब है कि 27 नवंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक कर 29 नवंबर का संसद कूच टाल दिया था. वहीं 4 दिसंबर को एक बार फिर अन्य मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला किया जाएगा या फिर इसे भी रद्द कर दिया जाएगा, ये देखने वाली बात होगी.
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