सत्यखबर, सोनीपत, पवन राठी
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन पिछले 67 दिन से लगातार जारी है और 26 जनवरी के प्रकरण के बाद किसानों का आंदोलन टूटने लग गया था लेकिन राकेश टिकैत ने इस पूरे आंदोलन को एक बार फिर संजीवनी दी लेकिन सिंघु बॉर्डर पर हुई किसानों और स्थानीय लोगों के साथ पत्थरबाजी के बाद अब सोनीपत के राई ब्लॉक के किसान और ग्रामीण किसानों के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने आज चालीसगांव से ट्रैक्टर मार्च निकाला और किसानों और ग्रामीणों को इन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर सभी को समझाया।
इस ट्रैक्टर मार्च में शामिल किसानों ने कहा कि आज हम चालीस गांव से ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं क्योंकि हम किसानों के साथ खड़े हैं और जब तक यह तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम पंजाब और हरियाणा के दूरदराज इलाकों से हुए किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। कार को हमारी मांगे माननी ही पड़ेगी चाहे हमारा आंदोलन कितने दिन और कितने साल चले, सरकार ने हमारे आंदोलन को बदनाम भी किया लेकिन हम फिर भी मजबूती से खड़े हैं और आज हम शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च कर रहे हैं।
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