सत्यखबर, करनाल
करनाल में किसानों का ‘सिर फोडने’ का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच मनोहरलाल खट्टर सरकार ने गन्ने के दाम में वृद्धि कर दी है । उधर, केंद्र सरकार ने छह रबी फसलों गेहूं, चना, जौ, मसूर दाल, सूरजमुखी एवं सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि को लेकर खट्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।
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मनोहर लाल ने कहा कि बुआई मौसम आरंभ होने से पहले छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी । पिछले चार वर्ष से सरकार बुआई मौसम से पहले रबी फसलों की एमएसपी घोषित करती आ रही है। इससे किसान अपना मन बना लेता है कि उसे किस फसल की बुआई करने से अधिक मुनाफा हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी की इन छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 40 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी की गई है । यहां तक कि कई फसलों में तो 100 प्रतिशत तक की भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्यों में बढ़ोत्तरी की जाती रहेगी तो निश्चित रूप से किसानों की आय 2022 तक दोगुनी होगी। खट्टर ने कहा कि हरियाणा भी किसानों की आय दोगुनी करने में अहम भूमिका निभा रहा है । यह देश का ऐसा पहला राज्य है जहां गन्ने का सर्वाधिक भाव दिया जा रहा है । इस वर्ष भी हरियाणा सरकार ने गन्ने का भाव 12 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर इसे 350 रुपये से 362 रुपये किया है । यह देश में तो सर्वाधिक है ही नजदीकी और हाल ही में चुनाव में जाने वाले पड़ोसी राज्य पंजाब से भी दो रुपये ज्यादा है । हरियाणा में अब अब गन्ने की अगेती किस्म के लिए 362 रुपये प्रति क्विंटल व पछैती किस्म के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया जाएगा, जोकि पहले 340 रुपये था । गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक में इसका फैसला हुआ है । खट्टर ने अपने से 2 रुपये कम दाम वाले पंजाब का तो नाम लिया लेकिन यूपी को भूल गए जहां अब भी सिर्फ 325 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है।
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