सत्य खबर पलवल : हरियाणा प्रदेश किसानो का प्रदेश है और आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा खेती पर ही निर्भर करता है लेकिन जब किसानो को अपनी फसलों की बुआई करने के लिए समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की आपूर्ति ही नहीं होगी तो ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी जी के द्वारा संसद से लेकर रैलियों में किसानो की आमदनी दुगनी करने वाली कही गयी बातें केवल एक ढकोसला ही निकल रही हैं | देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी जी हमेशा यही कहते रहे हैं की उनका प्रयास है की किसानो को आय दुगनी की जाएगी लेकिन इस दिशा में कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की जब किसानो को अपनी फसलों की बीजाई के लिए ही पर्याप्त मात्रा में खाद न मिल पा रहा हो तो बाकी तो सब बाद की बातें हैं ऐसा कहना है आम आदमी पार्टी जिला इकाई पलवल के जिला अध्यक्ष कौशल ततारपुर का |
उन्होंने कहा की अगर हम जिला पलवल की बात करें तो जिले में 1 लाख 7 हज़ार हेकटेयर जमीन पर रबी की फसलों की बिजाई होती है और उसके लिए 40 मीट्रिक टन यूरिया व् 13 हज़ार मीट्रिक टन डी ए पी खाद की जरूरत होती है जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार इसमें से केवल 9513 मीट्रिक टन डी ए पी व् 17933 मीट्रिक टन यूरिया की ही आपूर्ति हो पायी है यानि की सरकारी आंकड़ों को ही आधार मानें तो लगभग 27 प्रतिशत किसानो को डी ए पी खाद व् 45 किसानो को यूरिया खाद नहीं मिल पायी है | उन्होंने बताया की जब एक जिले के ही 27 प्रतिशत किसानो को रबी की फसल की बुआई करने के लिए खाद नहीं मिल पाया तो पुरे हरियाणा प्रदेश और पुरे भारत देश में कितने किसानो को खाद नहीं मिल पायी होगी इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है |
कौशल ततारपुर ने कहा की फसल की बुआई के जब पहली बार फसल की सिंचाई की जाती है तो उसके बाद यूरिया खाद की आवश्यकता पड़ती है लेकिन प्रदेश की सरकार किसानो को यूरिया खाद उपलब्ध करने में भी बहुत पीछे रही और मात्र 55 प्रतिशत भूमि के लिए यह उयलब्ध करा पायी | उन्होंने कहा की ऐसे में यह सवाल प्रदेश और देश की सरकार से पूछा जाना चाहिए की जब किसानो को पर्याप्त मात्रा में खाद ही नहीं मिल पायेगी और समय पर अपनी फसलों की बिजाई नहीं कर पाएंगे तो सरकार किस फार्मूला के आधार पर किसान की आय दुगनी कर रही है ?
कौशल ततारपुर ने कहा की ऐसे समय में जब पूरी दुनिया महामारी के दौर से गुजर रही है और नौकरियॉं का एक दम अकाल सा पड़ गया है तो ऐसे समय में लोग खेती पर ही निर्भर हो गए हैं खेती के सहारे ही वो दो वक़्त की रोटी की आश कर रहे हैं लेकिन जब गेंहू जैसी फसल की बुआई ही समय पर नहीं हो पायेगी या खाद न मिलने के कारन बुआई नही होगी तो कैसे दो वक़्त की रोटी नसीब होगी | आप के जिला अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है की जिन किसानो को खाद नहीं मिली और खाद न मिलने के कारन उनकी बुआई नहीं हो पायी सरकार उन किसानो की पहचान या गिरदावरी करवा कर उनको कम से कम 50000 रूपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाना चाहिए |
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