सत्य खबर
किसान नेताओं ने एक बड़ा फैसला लिया है कि अगर ट्रैक्टर परेड के बाद भी सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो किसान एक फरवरी को पैदल ही संसद के लिए कूच करेंगे। इसलिए ही सभी से ट्रैक्टर परेड के बाद वापस घर जाने की जगह धरनास्थलों पर पहुंचने की अपील की गई है।
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पहले किसानों ने पांच जगहों से ट्रैक्टर परेड निकालने का फैसला लिया था, वहीं अब इसे 9 जगह से निकालने की घोषणा की गई है। सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, शाहजहांपुर, धंसा और चिल्ला बॉर्डर के साथ ही पलवल-बदरपुर व नूंह सुन्हेडा बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शनपाल, जगमोहन सिंह, योगेंद्र यादव व गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड ऐतिहासिक होगी और इसमें एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होंगे। पहली बार गणतंत्र दिवस अलग तरीके से मनाया जा रहा है, क्योंकि अभी तक केवल जवान परेड करते थे। इस बार जवान व किसान दोनों परेड करेंगे। इस परेड से सरकार को पता चल जाएगा कि यह केवल पंजाब व हरियाणा का आंदोलन नहीं है, बल्कि इसमें पूरे देश के किसान शामिल हैं।
उनके अनुसार ट्रैक्टर परेड में व्यवस्था के लिए जहां वालंटियर लगाए गए हैं, वहीं हर काम के लिए कमेटी बनाई गई है। किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड को शांतिपूर्ण तरीके से कराया जाएगा, क्योंकि इस परेड पर पूरी दुनिया की नजर है। सभी से अपील की जा रही है कि वह परेड में व्यवस्था बनाकर रखें। इसके साथ ही ट्रैक्टर परेड में आए किसान वापस नहीं जाएंगे और उनको धरनास्थल पर रहने के लिए कहा जा रहा है।
ट्रैक्टर परेड के बाद भी सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तो अगला कदम उठाया जाएगा। इसमें एक फरवरी को संसद की ओर पैदल मार्च निकाला जाएगा। किसान उन सभी जगहों से संसद की ओर कूच करेंगे, जिन जगहों पर वह धरना देकर बैठे हुए हैं। यह कूच किस तरह होगा और किस रास्ते से वह संसद जाएंगे, इसकी घोषणा 28 जनवरी को बैठक करने के बाद की जाएगी।
किसान मजदूर संघर्ष समिति का आउटर रिंग रोड से परेड निकालने का ऐलान
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एसएस पंधेर ने कहा कि जिस तरह से पहले दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर परेड निकालने का ऐलान हुआ था, वह उस तरह ही वहां से परेड निकालेंगे। उनका कहना है कि किसानों को आउटर रिंग रोड पर परेड निकालने के लिए बुलाया गया है और अब परेड का रूट बदला नहीं जा सकता। इसको लेकर कुछ युवाओं ने सिंघु बॉर्डर पर सोमवार शाम को हंगामा भी किया।
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