मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत अब किसान 15 जुलाई तक करवा सकते हैं पंजीकरण
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: किसान एवं खेतीहर मजदूरों को दिन-रात खेत-खलिहानों में काम करना पड़ता है और उन्हें 24 घंटे कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मौत हो जाए तो पूरे परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है। इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। अगर कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते समय कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो इस योजना के तहत मार्किट कमेटी द्वारा पीडि़तों को वित्तीय सहायता दी जाती है। उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए लागू कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें, ताकि योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति को मिले और कोई भी इससे वंचित ना रहे।
यह भी पढ़ें:-
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर ढाई लाख रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1875०० रुपये की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर सवा लाख रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है। उपायुक्त ने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतू दावा करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो कॉपी दावे के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसके अलावा आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अंदर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव के पास आवेदन करना होगा।
यह भी पढ़ें:-
सरकार द्वारा लागू की गई फसल विविधीकरण योजना के तहत धान की बजाय पानी की बचत वाली दूसरी फसलों की बिजाई करने के इच्छुक किसान अब योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 15 जुलाई तक पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि पहले 25 जून निर्धारित की गई थी, जिसे अब 15 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। इस बारे जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि पिछले साल मेरा पानी, मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को इस साल भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है लेकिन उसके लिए किसानों को धान के खेत में उसी वैकल्पिक फसल की बुवाई जारी रखनी होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी, मेरी विरासत और मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। उपायुक्त ने जिला के किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए पानी की बचत करने के मकसद से इस योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर कम पानी लागत वाली वैकिल्पक फसलों (कपास, मक्का, दलहन, मूगंफली, तिल, ग्वार, अरण्ड, सब्जियां व फल) की बिजाई करने पर उन्हें 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो किसान धान की जगह चारा उगाते हैं या अपने खेत खाली भी रखते हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
Scrap aluminum composition Aluminium scrap community outreach Industrial scrap metal buyers