सत्य खबर, चंडीगढ़ । किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी शनिवार को चंडीगढ़ में नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे. गुरनाम चढूनी राजनीति में आने की इच्छा पहले ही जता चुके थे. एक साल तक चले किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गुरनाम चढूनी ने पंजाब चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था. इसके अलावा उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पाकिस्तानी बताया था.
इन बयानों के बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था. संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड किए जाने बाद भी गुरनाम चढूनी अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मुझे सस्पेंड करके सही फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अगर आगे भी वो मुझे सस्पेंड करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन मैं अपना फैसला बदलने वाला नहीं हूं.गुरनाम चढूनी ने कहा कि मैंने ये फैसला इसलिए किया है, क्योंकि मैं इस देश से गंदी राजनीति को खत्म करना चाहता हूं. देश से गंदी राजनीति को खत्म करने के लिए किसानों को आगे आना होगा. अगर अन्नदाता के हाथ में देश का राजपाट होगा तो देश बच जाएगा नहीं तो बीजेपी वाले देश को बेच खाएंगे. आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसानों का भला नहीं किया है. उन्होंने कहा था कि वो चुनाव लड़ेंगे नहीं, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे.
हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता थे जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं.
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