सत्य खबर
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को एक महीना होने को है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का आंदोलन बृहस्पतिवार को 29वें दिन पहुंच गया। दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर के साथ यूपी के नोएडा और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही बाधित है।
- दिल्ली-एनसीआर में आधा दर्जन जगहों पर किसानों का धरना-प्रदर्शन होने के चलते बृहस्पतिवार सुबह से ही ट्रैफिक धीमा है। खासकर नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जा रहे लोगों को दिक्कत पेश आ रही है।
- दिल्ली-एनसीआर में जारी किसानों के आंदोलन के बीच राहुल गांधी के नेतृत्व में शुक्रवार को विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने वाली थी, लेकिन उसे इसकी इजाजत नहीं मिली है। दिल्ली पुलिस ने हालात को देखते हुए इसकी मंजूरी नहीं दी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला प्रपत्र राष्ट्रपति को सौंपने वाले थे।
- वहीं, दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लोग अपशब्द बोलते रहे हैं। कभी पूर्वांचल के नाम पर, कभी निजी रूप से बदनाम करना। केजरीवाल अपनी अभद्र, झूठी बयानबाजी के कारण कई बार माफी भी मांग चुके हैं। अब प्रेस वार्ता करके उनके प्रवक्ता ने किसानों के लिए घड़याली आंसू बहाए हैं। मैं यह पूछना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल व उनके प्रवक्ता ने कभी यह देखा कि किसान की पीड़ा क्या है? हमारे पिताजी व दादा किसान थे। स्वयं मैं भी किसान हूं इसलिए मैं किसानों का दर्द बेहतर समझ सकता हूं। मेरे भाषण के कई वीडियो को इन लोगों ने एडिट करके मेरी छवि खराब करने का प्रयास किया है, जिसमें ये लोग कामयाब नहीं हुए हैं। अरविंद केजरीवाल के कितने विधायक जेल जा चुके हैं, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। कृषि कानून के नाम पर यह लोग देश में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं।https://sat.magzian.com/%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%a5%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%b7%e0%a4%be-%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%b0/
बता दें कि किसानों के प्रदर्शन के मद्देजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में से एक याचिकाकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रही 40 से ज्यादा किसान यूनियनों को पक्षकार बनाना चाहता है। इस बाबत प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों को बगैर किसी बाधा के अपना आंदोलन जारी रखने देना चाहिए और न्यायालय शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस मामले में जिन किसान यूनियनों को प्रतिवादी बनाने का अनुरोध किया गया है उनमें बीकेयू-सिधूपुर, बीकेयू-राजेवाल, बीकेयू-लखोवाल, बीकेयू-डकौंडा, बीकेयू-दोआबा, जंबूरी किसान सभा और कुल हिंद किसान फेडरेशन भी शामिल हैं।
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