सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भारतीय सभ्यता, संस्कृति और विरासत को समेटे हुए आदर्श पात्रों से सुसज्जित रामलीला के छठेे दिन श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के मंच पर प्रमुख प्रसंगों का मंचन हुआ। जिसमें विशेष आमंत्रित अतिथि हंसराज समैण व दिनेश गर्ग ने दीप प्रज्जवलित करके रामलीला का उद्घाटन किया। मंचन में श्रीराम का लक्ष्मण व जानकी सहित वनगमन, अयोध्यापुरी के लोगों को समझा कर उन्हें लौटाना, राम-केवट संवाद और दशरथ का देहांत सभी प्रसंग बड़े रोमांचक रहे। जब श्रीराम गंगा पार करने के लिए केवट से नाव की मांग करते है, तो केवट उनके पैर पखारने की जिद्द करता है। केवट का भक्ति भाव देखकर राम उसे आज्ञा देते हुए कहते हैं कृपासिंधु बोले मुसकाई, सोई करू जेहि तव नाव न जाई। इसके अतिरिक्त अयोध्या में राजा दशरथ अत्यंत दारूण दशा में नाना प्रकार के विलाप करते हुए प्राण त्याग करना बड़ा मार्मिक दृश्य रहा। दशरथ की भूमिका में मेहरचंद पुजारी और केवट की भूमिका में नटवर ने दर्शकों को बांधे रखा। इस अवसर पर महावीर जैन, जय पेंटर, रामकुमार, वीरेन्द्र नैन, सोनू जैन, मुकेश बंसल, संदीप जाखड, महेन्द्र, श्याम शर्मा, रामनिवास जैन सहित काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
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