हरियाणा

कैकेयी ने राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास के प्रसंग ने किया भाव-भिवोर

सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-

श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला के पांचवे दिन समाजसेवी जियालाल गोयल व मंडी प्रधान जयदेव बंसल द्वारा रिबन काटकर मंचन का विधिवत शुभारंभ किया गया। रामलीला के प्रसंगों में मंथरा द्वारा कैकयी को बहकाना, रानी कैकेयी द्वारा कोपभवन में दशरथ से दो वरों का मांगना तथा श्रीराम का वनगमन के लिए तैयार होना प्रमुख रहे। सबसे भावुक दृश्य कैकेयी और दशरथ संवाद था। कैकयी ने अपने दो वरों में भरत के लिए अयोध्या का सिंहासन तथा राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांग लिया। दशरथ ने नाना प्रकार से उसे समझाने का प्रयास किया, परंतु कैकयी की अक्ल पर माया का पर्दा पड़ा था। उसने दशरथ को उलाहना दिया और अंत मे दशरथ ने यह कहते हुए वर मान लिए कि रघुपति रीत सदा चल आई, प्राण जाये पर वचन ना जाई। एक तरफ दशरथ शोकाकुल थे तो वहीं दूसरी ओर श्रीराम ने माता-पिता के आदेश को सहर्ष स्वीकार किया और वे वन जाने को तैयार हुए। कैकयी, कौशल्या और सीता की भूमिका में प्रेम अरोडा, कुलदीप, श्रवण तथा मंथरा की भूमिका मे राकेश सेतिया ने दर्शकों के अंतर्मन को छू लिया। इस अवसर पर भारतभूषण गर्ग, अचल मित्तल, सोनू जैन, संजय चौधरी, अवधेश शर्मा, कपूर चंद, सुरेश मित्तल, असीम राणा, जय पेंटर, सुशील, संदीप जाखड, कृष्ण, संजीव गोयल, मेहरचंद पुजारी, मुकेश गोयल, निखिल गर्ग आदि मौजूद थे।

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