मांगों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच पहुंचे भाना गांव निवासी रामकुमार ढुल की दिमाग की नस फटने से मौत हो गई…जिनको श्रद्धांजलि देने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गांव भाना में पहुंचे….उन्होंने मृतक किसान के परिवार वालों के साथ दुख सांझा किया। इससे पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा गांव सेरधा में अमरपाल ढुल के घर गए। जहां उसके परिवार वालों को सांत्वना दी।
वीओ- वहीं पूर्व सीएम भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने सत्य खबर से बातचीत करते हुए शहीद किसान परिवारों को उचित आर्थिक मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। कहा कि 36 दिन में 40 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। सरकार को किसानों के प्रति संवेदनशीलता बरतनी चाहिए और जल्द से जल्द उनकी मांगों को मानते हुए आंदोलन समाप्त करवाना चाहिए।
https://youtu.be/W-B4vvQtDIs?t=15
बता दें कि गांव भाना निवासी किसान रामकुमार 20 दिन पहले गांव के अन्य किसानों के साथ टीकरी बॉर्डर पर गया था….30 दिसंबर को करीब तीन बजे ये रात के खाने के लिए सब्जी लेने के बाद बल्लभगढ़ सब्जी मंडी में गया था, जहां उसके दिमाग की नस फट गई…इस कारण से उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया….वहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया…जहां उसकी मौत हो गई…गौरतलब है कि कड़ाके की ठंड में किसान आंदोलन करने को मजबूर हैं, और इस दौरान किसानों की मांगो को लेकर सरकार के साथ कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है….जिसके चलते धरना देने पर मजबूर किसान आए दिन बे-मौत अपनी जान गंवा रहे हैं…कैथल जिले से दो किसान अपनी जान गवां चुके है। पिछले सप्ताह गांव सेरधा के एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी…ब्यूरो रिपोर्ट
Aluminium recycling outreach programs Aluminum scrap repackaging Scrap metal reprocessing yard