सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
वैश्विक महामारी के इस दौर में सबसे बुरे परिणाम वह व्यक्ति झेल रहा है, जो इस बीमारी से पीडि़त है। जहां एक और वह बीमारी के कारण जीवन से जूझ रहा होता है, वहीं वह और उसका परिवार एक नये प्रकार के सामाजिक भेदभाव का शिकार होता है। समाज में वो हेय दृष्टि का पात्र बन जाता है। यह कहना है मानव मित्र मंडल के वरिष्ठ सदस्य, शिक्षाविद् दलबीर चौपड़ा का। उन्होंने कहा कि ऐसे में समाज का कत्र्तव्य बनता है कि वह पीडित व्यक्ति से सद्भावना रखे और उसके परिवार का सहयोग करे। उन्होनें कहा कि समाज ने कोरोना संक्रमित बीमारी को घृणित बीमारी मान लिया है। इससे पूरा परिवार मानसिक प्रताडऩा के दौर से गुजऱता है। इस अलगाव और इस प्रकार की मनोस्थिति लिए समाज के परिणाम भविष्य में गंभीर होंगे। मानव मित्र मंडल ने अपील की कि कोरोना पीडि़तों की उपेक्षा न करें, बल्कि उनका उत्साहवर्धन करें, ताकि इस लड़ाई को आसान बनाया जा सके।
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