सत्यखबर, चढ़ीगढ़
कोरोना वायरस नाम की महामारी से बचने के लिए लोग सुरक्षा के कई उपाय अपना रहे हैं। सुरक्षा के लिए बताए गए उपायों में हाथों को बार-बार धोना, चेहरे पर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बातें शामिल हैंजैसा कि हम सभी जानते हैं, हर सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ने और सभी संभव उपाय करके उसे भारत से खत्म करने के अपने सर्वोत्तम प्रयास कर रही है।इनमें से एक उपाय प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मुख आवरण पहनना है. यद्यपि विभिन्न प्रकार के और अच्छे किस्म के मुखौटे बाजार में उपलब्ध हैं किंतु एक पर्त डाओट मुखौटे, जिसे कई बार गर्म पानी में उचित धुलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो कि सिलाई मशीनों पर बने, समान रूप से प्रभावी होने के लिए सिफारिश की गई है.चूंकि, सोवियत विभाग में रिलेवेर्ट रेडस ike सिलाई टेक्नोलॉजी की नन है।
सर्टेस ओमेन्टिक टेक्नोलॉजीपरिधान निर्माण, कम्प्यूटर की सहायता से तैयार किए गए Embroldery और फैशन डिजाइन जो विभिन्न प्रकार के एसएस में तैयार किए जा सकते हैं।डॉट, एमएसडीई भारत सरकार के आईटीएस वीटर दिनांक O4 04-20 के अनुसार एएसओ ने अल स्टेट ऑवरमेंट के लिए मुखौटे तैयार करने का सुझाव दिया है। उपर्युक्त को देखते हुए सरकार ने हरियाणा राज्य में समुचित गुणवत्ता और डिजाइन के ऊपरी मुखौटे सरकार द्वारा विविध शहरी विकास योजनाओं के तहत स्थापित सहायता समूह (एसओएस) के जरिए तैयार किए जाएंगे।
प्रति दिन किए जांएगे 50 मुखौटे तैयार……………………………………………………………………………………………………….
वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिïगत हरियाणा सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में मास्क उपलब्ध करवाने के लिए विशेषज्ञों की तकनीकी कमेटियां गठित करने का निर्णय लिया है जो मास्क बनाने वाले मेन्यूफेक्चर्स के साथ-साथ दिल्ली व अन्य राज्यों के कपड़ा बाजारों का दौरा करेंगी।बता दे की इस बीच और कोविड-19 को फैलाने के लिए उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त व्यवसाय के प्रत्येक व्यापार प्रशिक्षक को 15.04 2020 के बाद प्रति दिन कम से कम 50 मुखौटे तैयार किए जाएंगे …
कोरोना से बचाव के लिए तैयार किए जा रहे मुखौटे………………………………………………………………………………………….
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को व्यारपार कार्योप में समायोजित करने के बाद सिलाई की मशीनें बेकार हैं, प्रशिक्षक को स्थानीय प्रशिक्षणार्थियों को कह सकते हैं और मुखौटे तैयार करने के लिए उन्हें दिन में कम से कम 30 माह तय करने का लक्ष्य दिया जाता है। मोटे तौर पर सरकार के प्रमुख एम. वाई. एल. में आवश्यक कच्चे माल की व्यवस्था कर दी गई है, एआईएसआई ने जिला प्रशासन को अन्य मंत्रालयों/विभागों में उपलब्ध कच्चे माल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जिलाध्यक्ष के साथ समन्वय स्थापित किया ताकि जिले में अन्य मंत्रालयों/विभागों के बीच अतिरिक्त उत्पादन हो इतने तैयार मास्क को जिला प्रशासन @ आरएस को प्राथमिकता दी जाएगी।
जिला जींद में डीसी ने किताबों की समस्या का कैसे किया हल–…………………………………………………………………………….
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