सत्यखबर घरौंडा (विवेक राणा) – आधा अप्रैल बीत जाने पर भी खेतों से गन्ने का उठान नहीं हुआ है। अब तक भी किसानों के खेत में गन्ना दिखाई दे जाता है। सारे गन्ने का उठान न होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि मार्च महीने में ही गन्ने में वजन कम हो जाना शुरु होता है और अप्रैल महीने में तो वजन में काफी घटोतरी हो जाती है।
इन दिनों लेबर की समस्या भी खूब हो जाती है और श्रमिक मुंह मांगे दाम मांगने लगते हैं। गन्ना किसानों का कहना है कि सरकार ने अब तक गन्ना मिल की क्षमता नहीं बढ़ाई है। गन्ने का बॉण्ड भी कम ही किया गया है। केवल 300 क्विंटल प्रति एकड़ का बांड किसानों का किया गया है।
ऐसे में यदि खेत में 300 किवंटल से ऊपर गन्ना निकलता है तो उसे किसान कहां लेकर जाए ? मजबूरी में किसान अपना गन्ना यूपी तक लेकर गया है,पर इस समय किसान वह भी नहीं कर सकता क्योंकि लॉक डाउन चला हुआ है। एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाने की मनाही है। किसानों का कहना है फरवरी महीने के बाद जो गन्ना खेतों में रह जाता है समझो उसमें घाटा होना शुरू हो गया।
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