सत्य खबर, देहरादून।
पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश से शनिवार को गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया। वर्ष 2013 की आपदा के बाद पहली बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से तीन लाख 92 हजार 404 क्यूसेक तक पहुंच गया।
जलस्तर बढऩे से हरिद्वार से लेकर कानपुर तक हाई अलर्ट जारी कर भीडग़ोड़ा बैराज के सभी गेट एक साथ खोल दिए गए। बैराज खुलने से गंगनहर के जरिये उत्तर प्रदेश के लिए सिंचाई को छोड़ा जाने वाला पानी बंद हो गया। उधर बैराज के पानी के बहाव से चंडी टापू को जोडऩे के लिए महाकुंभ में बनाए गए अस्थायी पुल के एप्रोच में दरारें आ गईं। नमामि गंगे घाट पानी में डूब गए। हालांकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
पहाड़ों की बारिश का सीधा असर हरिद्वार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश तक पड़ता है। यहां भीमगोड़ा पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का बैराज है। बैराज की क्षमता 293.00 मीटर जलस्तर रोकने की है लेकिन पहाड़ों में लगातार बारिश से शुक्रवार रात अलर्ट जारी हो गया था। लिहाजा बैराज में भी सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मुस्तैद रहे।
बैराज के वाटर असिस्टेंट निर्भय भारद्वाज के अनुसार देर रात दो बजे गंगा का जलस्तर दो लाख 15 हजार 698 क्यूसेक पहुंच गया। इसके चलते कानपुर तक हाई अलर्ट जारी कर बैराज के 22 गेट एक साथ खोले गए।
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