सत्यखबर,हरियाणा
हरियाणा के गाँवों में कोरोना के फैलते विकराल रूप को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को गांव के लिए विशेष नीति बनाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि फिलहाल हमारे सामने जो आंकड़े हैं वो विशेष तौर पर शहरों और उन लोगों के हैं जो अस्पताल तक पहुंच पाए हैं। गांव की बड़ी जनसंख्या कोरोना की चपेट में आ चुकी है और इलाज के अभाव में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। लेकिन ना ही गांव में टेस्टिंग की कोई व्यवस्था है और ना ही इलाज का कोई बंदोबस्त। लोग घरेलू नुस्खों के जरिए जान बचाने को मजबूर हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में गाँव-गांव से लगातार दर्जनों के हिसाब से मौतों की खबर सामने आ रही हैं। एक-एक गाँव में कोरोना कई-कई परिवारों को निगल चुका है। लेकिन ग्रामीणों इलाकों की इन मौतों का आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में कहीं दर्ज ही नहीं है।
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शहरों के साथ गांव से आंकड़ें इक्_ा किए बिना सरकार स्थिति का सही आंकलन नहीं कर पाएगी। इसलिए सरकार गांव में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, मेडिकल कैंप के साथ ही तुरंत अस्थायी अस्पतालों की व्यवस्था सुनिश्चित करे। ताकि गांव के लोगों को वक्त पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह और इलाज मिल सके। इसके लिए एक व्यापक नीति बनाने की जरूरत है। ऑक्सीजन का कोटा केंद्र सरकार से दोगुना करवाना होगा, सरकार को गांव-गांव में मेडिकल कैंप लगाने होंगे जिनमें टेस्टिंग और इलाज की सुविधा मुहैया हो। ज्यादा से ज्यादा लोगो को कोरोना वैक्सीन लगाने के प्रबंध करने होंगे। साथ ही गांव के लिए विशेष हेल्पलाइन शुरू करने की जरूरत है ताकि ग्रामीणों को जरूरत पडऩे पर डॉक्टरी सलाहए दवाई और इलाज उपलब्ध हो सके।
वहीं हुड्डा ने गांवों के लोगों से भी अपील की कि वो संक्रमण से बचने के लिए अपने स्तर पर तमाम एहतियात बरतें। जबतक महामारी का दौर है तबतक सामुहिक हुक्के, ताश खेलने, चौपाल और बैठक में जमावड़े से परहेज करें। आपसी मेल-जोल और एक-दूसरे के यहां आना-जाना बंद कर दें। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। बाहर निकलते हुए मास्क लगाएं या गमछे से डाठा जरूर मार लें।
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