सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
माना कि कोरोना वायरस एक घातक बीमारी है, जो संक्रमण से फैलती है। इस वायरस ने जहां विश्व भर को अपनी चपेट में ले लिया है, तो लोग अपने-अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं और चाहते हैं कि कोरोना जल्दी से जल्दी भाग जाए। फिर हमें यह बात भी माननी पड़ेगी कि लॉक डाउन ने वातावरण को तो स्वच्छ बना ही दिया है। ऐसा ही नजारा देखने को मिला, नरवाना के गांव ईस्माइलपुर में दलबीर मोर के घर, जहां कई सालों से लुप्त नर व मादा चिडिय़ा भी घरों में आकर चहचहाने लगी हैं। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन की वजह से आकाश स्वच्छ दिखाई पड़ता है, तो रात को टिमटिमाते सितारे अपनी अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। पेड़-पौधों पर रवानगी है, जहां उन पर गिलहरियां कुछ ज्यादा ही मजे से फुदक रही हैं। जंगल में विचरण करने वाला मोर बस्तियों में नृत्य कर रहा है। देखकर व जानकर हैरानी होती है कि भला! इतने सालों से लुप्त ये पक्षी अब कहां से और कैसे आ गए हैं। लगता है ये सब प्रकृति की स्वच्छता से सम्भव हो पाया है। फिर ये भी आभास होता है कि क्या मानव ने अपने स्वार्थ व लालच के वशीभूत पर्यावरण को इतना दूषित बना डाला था कि उसने इन घर-आंगन चहकने व फुदकने वाले पक्षियों को लुप्त करने की भूमिका बना डाली।
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