सत्यखबर, हरियाणा
हरियाणा में कभी कपड़ों में लिपटे रहने वाला राजस्व रिकार्ड अब आनलाइन हो गया है। कंप्यूटर पर माउस के एक क्लिक से जमीन का सारा रिकार्ड उपलब्ध होगा। इससे आमजन को तहसील और पटवारखाने के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। जमीन से जुड़े साढ़े 18 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को स्कैन कर आनलाइन किया गया है। यह भ्रष्टाचार को खत्म करने व पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी 22 जिलों में बने आधुनिक अभिलेख कक्ष (माडर्न रेवन्यू रिकार्ड रूम) का लोकार्पण किया। इस दौरान सभी जिलों में कैबिनेट मंत्री, जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे। सीधे संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गठरियों में बंधे पुराने रेवन्यू रिकार्ड को संभालना, संरक्षित रखना व उसे बार-बार ढूंढ़ना काफी मुश्किल कार्य था। इसे ढूंढ़ने में समय अधिक लगता था और रिकार्ड खराब होने, कटने-फटने, गुम होने व रिकार्ड से छेड़छाड़ का अंदेशा भी बना रहता था।मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में अन्य विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण रिकार्ड को भी इसी तरह डिजिटलाइज किया जाएगा। इससे अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। बेहतरीन कार्य के लिए प्रदेश को अब तक 148 अवार्ड मिल चुके हैं जिसमें से करीब 100 अवार्ड ई-गवर्नेंस सेवाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मिले हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास राजस्व विभाग भी है, ने कहा कि एनआइसी व हारट्रोन ने इस कार्य को काफी मेहनत से पूरा किया है। इस उपलब्धि में महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल से लेकर विभागीय अधिकारियों, उपायुक्तों, तहसीलों व रिकार्ड रूम में पटवारियों व क्लर्कों सहित सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भविष्य में इसी तरह रिकार्ड को अपडेट किया जाता रहेगा।प्रदेश में पहला माडर्न रेवन्यू रिकार्ड रूम कैथल में 24 जून 2017 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया गया था।
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इसके बाद 25 दिसंबर 2019 को सुशासन दिवस पर सभी जिलों के लिए माडर्न रेवन्यू रिकार्ड रूम परियोजना की शुरुआत की गई थी। सभी जिलों में यह रिकार्ड रूम तय समय से पहले बनाकर तैयार किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल ने बताया कि माडर्न रेवन्यू रिकार्ड रूम के तहत राज्य स्तर पर व जिलों के 18.5 करोड़ रिकार्ड को स्कैन कर डिजिटलाइज किया गया। कोरोना जैसी परिस्थितियों के बावजूद इस पर तेजी से कार्य किया गया। रिकार्ड डिजिटलाइज होने से इसे संरक्षित रखना और उपयोग में लाना काफी सरल होगा।जिला स्तर पर प्रत्येक गांव के राजस्व रिकार्ड को स्टील के बाक्स में रखा गया है। सभी बाक्स पर बार कोड लगाए गए हैं। इससे रिकार्ड सुरक्षित भी रहेगा। प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राजस्व रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन करने का उनका सपना आज पूरा हो गया है। उनके कार्यकाल में इस योजना को मंजूर किया गया था। राजस्व रिकार्ड डिजिटल हो जाने से जमीनी विवादों में कमी आएगी। इससे लोगों को अपना भू-लेख संबंधी रिकार्ड प्राप्त करने में आसानी रहेगी और समय व धन की बचत होगी।
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