सत्यखबर गुहला चीका (सुरिन्दर वधावन) – सरकारी कन्या कॉलेज की छात्राओं ने आज सरकार प्रशासन और स्थानीय विधायक कुलवंत बाजीगर के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की छात्रों का आरोप है कि कॉलेज को करोडो रुपए की लागत से बना तो दिया गया है परंतु पढ़ाने के लिए उसमें अध्यापक तक नहीं है जानकारी के अनुसार अध्यापकों के कालेज में 28 पद स्वीकृत हैं जबकि मात्र 10 अध्यापक 800 छात्रों को पढ़ा रहे हैं जिसमें से 5 अध्यापक डेपुटेशन पर थे जिनका तबादला बीते सोमवार हो गया था । छात्राओं का आरोप है कि पिछले 1 साल से इस कॉलेज में कोई भी स्थाई अध्यापक नहीं है जिस कारण उनकी पढ़ाई में बाधा आ रही है और वह पढ़ाई से वंचित हो रही है जिस कारण उनका रिजल्ट खराब आता है इसके साथ ही छात्रों ने बताया कि जब इस बारे उन्होंने प्रिंसिपल से बात की तो प्रिंसिपल ने कहा कि सवारी अपने सामान की आप जिम्मेवार है ।
प्रिंसिपल के इस गैर जिम्मेदाराना पर छात्राओं ने रोष प्रकट किया इसके साथ ही छात्राओं ने बताया कि गुहला प्रशासन और प्रिंसिपल को बस की समस्या के बारे काफी बार अवगत करवा चुकी हैं परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा उनके साथ कंडक्टर और ड्राइवर अभद्र व्यवहार करते हैं ऐसे में सवाल अधिकारियों पर भी उठना लाजमी है जो हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं हरियाणा सरकार की योजनाओं के अनुसार बेटियों को पढ़ने के लिए आने जाने तक 100 किलोमीटर की यात्रा मुफ्त दी गई है। जब इस बारे कॉलेज के प्रिंसिपल वीके मोदगिल से बात करना चाही तो वह कॉलेज में मौजूद नहीं थे। छात्राओं ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 2 दिन के भीतर उनके कालेज में टीचर उपलब्ध नहीं करवाए गए तो वह चीका के शहीद उधम सिंह चौक पर धरना देंगी।
लगभग 25 दिन पहले उपायुक्त कैथल प्रियंका सोनी ने कॉलेज का निरीक्षण किया था और छात्राओं ने बस न रुकने की समस्या के बारे उपायुक्त कैथल को अवगत करवाया था जिस पर उपायुक्त ने छात्राओं को आश्वासन दिया था कि जीएम को रोडवेज बसे रुकने के आदेश दिए जाएंगे। जीएम रोडवेज द्वारा उपायुक्त के आदेशों को भी हवा हवाई कर दिया गया है।
Scrap metal industry certifications Ferrous material traceability Scrap iron reclamation center
Ferrous material financials, Iron salvage, Air quality control in metal recycling
Scrap aluminium conservation Aluminium stamping recycling Scrap metal import restrictions