सत्यखबर
अफगानिस्तान की पूर्व सरकार और अमेरिका के हथियारों पर कब्जा करने के बाद तालिबान अब उनके सीक्रेट भी हासिल करना चाहता है। इसीलिए वह अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार के ई-मेल एक्सेस करने की कोशिश कर रहा है। इसे देखते हुए गूगल ने गनी सरकार के कई ई-मेल अकाउंट टेंपरेरी तौर पर ब्लॉक कर दिए हैं। गूगल ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति पर एक्सपर्ट से चर्चा जारी है और सरकारी ई-मेल अकाउंट्स की सुरक्षा को देखते हुए एक्शन ले रहे हैं। अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान और रेजिस्टेंस फोर्स के बीच भीषण जंग जारी है। इस बीच दोनों ने पंजशीर को जीतने का दावा किया है। तालिबान का कहना है कि अब पंजशीर पर भी उसका नियंत्रण हो गया है। वहीं पंजशीर पर जीत की खुशी में तालिबान ने काबुल में हवाई फायरिंग की है, इसमें 3 लोगों की मौत की खबर है और कई लोग घायल हुए हैं।
दूसरी तरफ रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के दावे को गलत बताया है। उसका कहना है उसने तालिबान के खिलाफ बढ़त बना ली है। अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा है कि हमारी सेना तालिबानियों का डटकर मुकाबला कर रही है। उन्होंने कहा है कि वे आतंकियों के निशाने पर हैं और इस खतरे के लिए उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है। उन्होंने खुद के ताजिकिस्तान भागने का भी खंडन किया है। सालेह ने कहा है कि वे अभी भी पंजशीर में हैं और तालिबानियों से लड़ रहे हैं। अफगानिस्तान में सरकार के ऐलान से पहले कश्मीर का राग अलापने वाले तालिबान को भारत ने करारा जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा है कि भारत संविधान का पालन करता है। यहां मस्जिदों में दुआ करते लोगों पर गोलियों और बम से हमला नहीं किया जाता। न लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जाता है और न ही उनके सिर और पैर काटे जाते हैं।
नकवी ने ये बात तालिबान के उस बयान के जवाब में कही हैं, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर समेत दुनियाभर के मुसलमानों की आवाज उठाने का हक तालिबान को है। नकवी ने तालिबान से सीधे तौर पर कहा है कि भारत के मुसलमानों को छोड़ दें, उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने वॉशिंगटन में मीडिया से बातचीत में कहा है कि अफगानिस्तान के हालात पर अमेरिका और भारत नजर बनाए हुए हैं। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी पाकिस्तान ने तालिबान का समर्थन किया और वह तालिबान को पालता रहा है। ऐसी कई बातें हैं जिनमें पाकिस्तान ने तालिबान की मदद की है, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान की भूमिका पर नजर रखनी होगी।
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श्रृंगला ने ये भी कहा कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की अफगानिस्तान में बेरोकटोक आवाजाही और उनकी भूमिका चिंताजनक है। हम सतर्कता से इस पर नजर रखेंगे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की कमान मुल्ला बरादर संभालेगा। वहीं तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई को भी तालिबानी सरकार में अहम पद दिए जाएंगे। ये सभी काबुल में हैं।
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