गौसेवा आयोग सदस्य ने लिया सी.एम. की विडियों कांफ्रेंसिंग में भाग
सत्यखबर, सफीदों: गौवंश संवर्धन एवं विकास को लेकर लॉकडाउन में सी.एम. मनोहर लाल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के उपायुक्तों, पशुपालन विभाग उपनिदेशकों, गौसेवा आयोग के पदाधिकारियों, गौरक्षक समितियों के प्रतिनिधियों व गौसेवकों से बात की और उनसे आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए। इस कांफ्रेस में कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला व गौसेवा आयोग के सदस्य श्रवण कुमार गर्ग के अलावा करीब 50 लोगों ने हिस्सा लिया। इस कांफ्रेस में शामिल गौसेवा आयोग के सदस्य श्रवण कुमार गर्ग ने यहां पत्रकारों को बताया कि कांफ्रेस में सबसे अहम मुद्दा गौवंश उत्थान व निराश्रित गौवंश को सडक़ों से गौशालाओं व नंदीशालाओं में पहुंचाने का रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार गौवंश की रक्षा और संवर्धन के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्प है। सरकार ने गौवंश के हित में अनेकों योजनाएं बनाकर उन्हें अमलीजामा पहनाया है। इसी कड़ी में सरकार ने निर्णय लिया है कि कोई भी बेसहारा गौवंश सडक़ों पर नहीं रहेगा। उसके लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में नई गौशालाएं व नंदीशालाएं बनाई जाएंगी। ये गौशालाएं व नंदीशालाएं समाज व सरकार के परस्पर सहयोग से बनेंगी और इनके सुगम संचालन के लिए हरियाणा सरकार आर्थिक अनुदान एवं जमीनी सहयोग प्रदान करेगी। जो गौभक्त व सामाजिक लोग अपने शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में गौशाला व नंदीशाला का निर्माण करवाना चाहते हैं वे सरकार को अपने-अपने आवेदन दाखिल करवा सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने निर्णय लिया है कि हर गौवंश चाहे वह सडक़ पर है, किसी के घर पर है, गौशाला में है, नंदीशाला में है या डेयरियों में है उन सबकी टैगिंग करवाई जाएगी। श्रवण गर्ग ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल 600 गौशालाएं काम कर रही हैं। इन गौशालाओं में निराश्रय गायों और नंदियों को आश्रय प्रदान करने के लिए सरकार के मार्गदर्शन में सुचारू रूप से व्यवस्था बनाने के लिए पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जाएगा। वहीं सरकार ने साफ किया है कि चारे के लिए गौशालाएं पट्टे पर ग्राम पंचायतों की गौ-चरण भूमि का उपयोग कर सकती हैं।
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