कहा: कलयुग के जीवित देवता है भगवान परशुराम
सत्यखबर, सफीदों: विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कहा कि बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का प्राकट्य दिवस कोरोनाकाल के चलते घरों में रहकर ही मनाए। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन-2 के सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए अपने घरों में रहकर इस उत्सव को मनाकर आपसी भाईचारे व सामाजिक समरसता की मिसाल पेश करें। 26 अपै्रल को अपने-अपने घरों में ही परिवार सहित हवन-यज्ञ करें तथाा भगवान परशुराम की मूर्ति या छायाचित्र के समक्ष आरती वंदना करें। भगवान परशुराम की पूजा करने से शौर्य, पराक्रम व बुद्धि में वृद्धि होती है तथा तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा 25 अपै्रल की रात्रि को अपने घरों के छतों पर 9 दीपक जलाएं। उन्होंने कहा कि कलयुग के जीवित आठ चिरंजीवी देवताओं व महापुरुषों में से एक भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम है। शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम का प्राकट्य तो ब्राह्मण कुल में हुआ था लेकिन वे व्यवहार से क्षत्रिय की भांति रहे। इनका प्राकट्य पुत्रेष्टि यज्ञ हुआ था और भगवान शिव ने इन्हे परशु दिया था, इसी कारण इन्हें परशुराम के नाम से जाना जाता है। इन्हें अमरत्व का वरदान भी भगवान शिव ने अपना अनन्य भक्त होने के कारण दिया था। महाभारत के अनुसार महाराज शांतनु के पुत्र भीष्म को भगवान परशुराम ने ही अस्त्र-शस्त्र की विद्या प्रदान की थी।
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