सत्यखबर
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कृषि अध्यादेशों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को किसानों की लड़ाई ना बताकर इसे जन आंदोलन बताया है। चढूनी रविवार को झज्जर मेें डीघल टोल पर कृषि अध्यादेशों को लेकर दिए जा रहे किसानों के धरने पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने भाषण से ना सिर्फ धरने पर बैठे किसानों में जोश भरा बल्कि उन्हें डटकर सरकार से मुकाबला करने की अपील भी की.
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मीडिया के रूबरू हुए चढूनी ने वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन को जनता बनाम कारपोरेट घराने की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि कारपोरेट घराने ओर सरकार मिल कर किसान और जनता को लूट रही है। वो सरकार के साथ 29 तारीख को होने वाली किसान संगठनों की बैठक की वार्ता ओर उसके परिणाम का इंतजार कर रहे है।अगर इस वार्ता में कोई ठोस हल नहीं निकला और सरकार ने उनकी मांगेंनहीं मानी तो फिर एक जनवरी के बाद सभी किसान संगठनों के साथ बैठक कर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों के हाथ में
खादयान्न को दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अबकिसानों का आंदोलन न रहकर जनता का आंदोलन बन चुका है.लेकिन उन्होंने ये भी फैसला ले रखा है कि इस जन आंदोलन में वो राजनीति को नहीं घुसने देंगे।जब तक आंदोलन चलेगा तब तक टोल फ्री रहेंगे ओर आन्दोलन चलने तक अंबानी अडानी समेत रामदेव के product के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले एक महीने से दिल्ली में धरने पर बैठे हुए है.जिसके चलते सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी विफल हो चुकी है..ऐसे में चढूनी ने इस लड़ाई को जितने के लिए आंदोलन खत्म होने तक अंबानी,अडानी और बाबा रामदेव के प्रोडैक्ट ना खरीदे जाने की आमजन
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