सत्य खबर, देहरादून
उत्तराखंड के चमोली जिले में लगातार हो रहे भूस्खलन से प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सड़के बंद हो गई है। ऐसे में रैनी गांव के पास तमस इलाके में भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम ने रेस्क्यू कर सोमवार को 200 से ज्यादा लोगों को घाटी से बाहर निकाल लिया है। प्रशासन को जैसे ही इसकी सूचना मिली, मौके पर पहुंचकर सहायता पहुंचाई गई । वहीं, मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तराखंड में 24 अगस्त से 28 अगस्त तक आगामी 5 दिनों तक के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है, इसके साथ ही तेज आंधी और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई है। दरअसल, बीते हफ्ते चमोली जिले में चीन सीमा से लगने वाला मुख्य मार्ग पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा हुआ है। वहीं, शुक्रवार को बार-बार भूस्खलन होने से जोशीमठ और मलारी के बीच राजमार्ग पर यातायात बधित रहा है। सीमा सड़क संगठन के मुताबिक घाटी में भूस्खलन के कारण सड़क बंद हो गई थी और घाटी के लोग अपने घरों के अंदर कैद हो गए थे।ऐसे में भारी मशीनरी से सड़क को साफ करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन उसमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एसडीआरएफ की मदद ले रहे हैं। गौरतलब है कि सुरक्षा की दृष्टि से ये रास्ता बहुत ही अहम है और इसके ठप हो जाने के कारण चीन सीमा पर तैनात सेना के जवानों को आवश्यक आपूर्ति के लिए चिनूक हेलीकॉप्टरों से मदद ली जा रही है।
एक अधिकारी के मुताबिक, ऑपरेशन पास के जोशी मठ बेस से किया जा रहा है। इस बीच, मौसम विभाग के अनुसार, पिथौरागढ़ के बाद पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश से प्रभावित चमोली जिला है. इतना ही नहीं 24 अगस्त को प्रदेश के सात पहाड़ी जिलों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
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