सत्यखबर
कैथल : राधा स्वामी सत्संग भवन को दान में दी गई जमीन के रास्ते को लेकर चल रहे विवाद में दो चाचाओं ने अपनी पत्नियों, बेटों और चार अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने सगे भतीजे संदीप की हत्या कर दी। स्वजनों का आरोप है कि संगतपुरा पुलिस चौकी को दो बार फोन किए गए, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। तीसरी बार कंट्रोल रूम में फोन किया तो पुलिस पहुंची, लेकिन उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया और तब तक आरोपितों ने हत्या को अंजाम दे दिया। 34 वर्षीय संदीप गांव के सत्संग भवन में ही सेवादार था। वह सत्संग भवन में ही सोता था।
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संदीप के चाचा कृष्ण दत्त ने बताया कि सत्संग भवन के साथ ही उनकी साझी खेवट है। इसी जमीन से सत्संग भवन काे जमीन दान में दी गई है। इसके रास्ते को लेकर परिवार में आपस में विवाद चल रहा था। रविवार की रात को संदीप घर खाना खाकर सोने के लिए सत्संग भवन चला गया। करीब साढ़े आठ बजे उसका फोन आया। उसने बताया कि चाचा मनोहर उर्फ रामभगत, उसकी पत्नी अनीता, दूसरे चाचा राममेहर उर्फ फौजी पूर्व सरपंच, उसकी पत्नी रेखा, मनोहर के दो बेटों विक्रम व मिल्ली और चार अन्य लोगों ने उसका रास्ता राेक लिया है। वह उसकी हत्या करने चाहते हैं।
आरोप है कि अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती तो संदीप की जान बच सकती थी। पुलिस की लापरवाही की वजह से उसकी जान गई है। जब तक संगतपुरा चौकी के पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नही होगी, वह शव नहीं उठाएंगे। डीएसपी सदर बिश्नोई ने उन्हें आश्वासन दिया कि जांच में जो भी पुलिस कर्मी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद देर रात पुलिस शव को लेकर सिविल अस्पताल कैथल पहुंची।
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