सत्य खबर, रोहतक । जिले के महम उपमंडल के भैणी मातो गांव में पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया है। गांव की जिस किशोरी के साथ छेड़छाड़ की गई , उसका, उसके परिवार व पूरे समुदाय का पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। क्योंकि छेड़छाड़ का शिकार हुई किशोरी के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ थाने में केस दर्ज करवाया। आरोपी के खिलाफ दर्ज करवाए गए केस में एससी एसटी एक्ट भी शामिल है। इस एक्ट के केस में जुड़ते ही गांव में पंचायत की गई। पंचायत में पीड़िता के परिवार समेत उनके पूरे समुदाय का बहिष्कार करने का फैसला सुनाया गया।
पंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति इन परिवारों के साथ बोलचाल नहीं रखेगा और नहीं किसी तरह का संबंध रखेगा। गांव का कोई व्यक्ति इन परिवारों के सदस्यों को खेत, घर व दुकान में नहीं प्रवेश करने देगा। यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उससे 11 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। प्रतिबंध के बाद इन परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है और पशुओं के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है।
उधर गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह निर्णय गांव का निर्णय नहीं है। गांव के कुछ नौजवान युवकों ने इस तरह का निर्णय लिया है। हालांकि बुजुर्गों ने यह भी बताया कि गांव का एक युवक अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के घर में घुस गया था। उसने जो जुर्म किया है, उसके खिलाफ उसी जुर्म की धारा लगनी चाहिए। एससी एसटी एक्ट की धारा नहीं लगवानी चाहिए थी। इससे गांव में जातीय द्वेष पैदा होने का खतरा हो जाता है। आज बहिष्कार का दूसरा दिन है।
इस शिकायत पर शुरू हुआ विवाद
भैणी मातो गांव निवासी एक यु़वक ने 7 दिसंबर को महम थाने में शिकायत दी थी। उसने कहा था कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। 7 दिसंबर की रात को कुलदीप उर्फ भोलू बुरी नीयत से उनके घर में घुस गया। कमरे में वह खुद, उसके माता-पिता, उसका भतीजा व 17 साल की भतीजी सो रहे थे। कुलदीप उसकी भतीजी से छेड़छाड़ करने लगा। उसकी भतीजी ने शोर मचाया तो सभी की आंखें खुल गई। उसको मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ धारा 8, 354, 452, 506 व 3 एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया था।
दो बार हो चुकी पंचायत
ग्रामीण बताते हैं कि महज कुछ दिन पहले ही युवक शादी हुई थी। पीड़ित पक्ष के लोगों ने बताया कि पहले भी दो बार वह युवक उनके घर में घुस चुका था। तीन बार पहले भी पंचायत हुई थी। युवक के परिजनों ने लिखित आश्वासन दिया था कि आगे से ऐसा नहीं होगा। तीसरी बार फिर यह वारदात हो गई तो कानून का सहारा लेना पड़ा। अब कानूनी कार्रवाई हुई तो अब सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। अब वे रोजी रोटी और चारे आदि के लिए जाएं तो कहां जाएं। पीड़ित परिवार ने सरकार व प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
होगी कानूनी कार्रवाई
थाना प्रभारी महम थाना प्रभारी प्रहलाद सिंह ने कहा कि गांव में फिलहाल किसी तरह का तनाव नहीं है। आज भी पीड़ित पक्ष से उनकी मुलाकात हुई है। वे लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में हैं। यदि गांव में कोई व्यक्ति उनका सामाजिक बहिष्कार करता हुआ पाया गया तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी उनको सार्वजनिक स्थलों पर आने जाने से नहीं रोक सकता।
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