सत्यखबर,लखनऊ
पश्चिमी यूपी में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात डॉन मुकीम काला शुक्रवार की सुबह चित्रकूट जेल में मारा गया। गैंगस्टर अंशुल दीक्षित ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मुकीम और मेराजुद्दीन को मार गिराया। जेल के अंदर फायरिंग की घटना के बाद पुलिस ने अंशुल दीक्षित को भी ढेर कर दिया। खबर के मुताबिक, मुकीम काल छह साल पहले तक चिनाई मिस्त्री का काम करता था। मकान निर्माण करते-करते वो पश्चिमी यूपी में आतंक का पर्याय बन गया। मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी। इस मामले में मुकीम काला जेल गया था।
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मुकीम काला के बारे में जो सबसे अहम बात है वह यह है कि उसकी गैंग के 24 सदस्य है जोकि 2015 तक जेल में बंद थे वह अब उसके डर के साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं। काला के खिलाफ कई मामलों में केस दर्ज है, जिसमें चार पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले भी शामिल हैं। मुकीम काला का साम्राज्य वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया, जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस की मानें तो मुकीम के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश शामिल है। काला गैंग ने दो वर्षों में ही ताबड़तोड़ हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया। काला ने अपने साथियों के साथ एक के बाद एक कई वारदात किए, लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। यूपी पुलिस के मुताबिक, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था।
लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में और बाद में चित्रकूट जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 61 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।
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