सत्यखबर, पलवल (मुकेश कुमार)
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि शिक्षा व खेल विभाग के अधिकारी जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्कूलों व खेल स्टेडियमों में खेलों के लिए उचित माहौल विकसित कर अधिक से अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ें। प्रत्येक सरकारी स्कूल, खेल स्टेडियमों, खाली मैदानों में खेलों के प्रति युवाओं में विशेष रूचि दिखनी भी चाहिए। खेलों से जुडऩे से जहां बच्चे स्वस्थ बनेंगे, वहीं खेल के क्षेत्र में उनके उज्ज्वल भविष्य की भी अपार संभावनाएं हैं।
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उपायुक्त नरेश नरवाल ने यह निर्देश शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न विभागों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित मासिक बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि जिला में करीब 611 सरकारी स्कूलों में एक लाख से अधिक बच्चे इस समय शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अगर इन बच्चों को स्कूल समय से बाद या पहले किसी खेल गतिविधि से जोड़ा जाए तो इसका भविष्य उज्ज्वल होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारी इसके लिए व्यवस्था तैयार करें, जिसमें इस क्षेत्र के अच्छे खिलाडिय़ों का भी सहयोग लिया जाए। इन बच्चों के लिए स्कूल स्तर, खंड स्तर, उपमंडल स्तर तथा जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएं, ताकि इनमें खेलों के प्रति अधिक से अधिक रूचि पैदा हो। खेल गतिविधियों से जुडऩे से बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
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इसी प्रकार स्कूलों में किसी न किसी महापुरूष के जीवन से जुड़े विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाएं तथा इसके विजेता बच्चों को किसी विशेष समारोह में सम्मानित किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार विभिन्न स्कूलों में मनरेगा के तहत विभिन्न विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। कई स्कूलों में मेडिटेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बच्चों को मिड-डे मिल के तहत सूखा राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है तथा खाना पकाने की राशि बच्चों के खाते में भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर बच्चों का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से हैल्थ चैकअप भी किया जाता है। इसी प्रकार शिक्षा विभाग के माध्यम से फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उपायुक्त ने खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आगामी वित्त वर्ष में अप्रैल से मार्च तक का खेल गतिविधि या खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए एक कैलेंडर तैयार कर लें तथा इसी के अनुसार पूरे वर्ष खेल गतिविधियां आयोजित करते रहें।
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उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रूटिन के कार्यों से हटकर योजनाबद्ध तरीके से जिला में महिलाओं व बच्चों के विकास के लिए एक यूनिक योजना तैयार की जाए, जिसकी पहचान प्रदेश या राष्टï्रीय स्तर पर हो। जिला में कई विभिन्न इकाइयां है,ं जो बच्चों व महिलाओं के विकास के लिए अलग-अलग कार्य कर रही हैं। यह सभी इकाइयां संयुक्त रूप से परिणाम उन्मुख कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला में बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी डाटा भी तैयार करें तथा अगर किसी क्षेत्र में महिलाओं व बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो वहां पर और अधिक ध्यान दिया जाए। इसके अलावा बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य की रैंडम तरीके से भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत भी परिणाम उन्मुख कार्य किए जाएं। गांव में गुड्डïा-गुड्डïी बोर्ड लगाने के कार्य में तेजी लाई जाए। आंगनवाडिय़ों में बच्चों के लिए साप्ताहिक फूड चार्ट तैयार चस्पा किया जाएं तथा उसके अनुरूप ही खाना दिया जाए। पोषण अभियान के तहत सभी जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों को पोषण सामग्री पहुंचनी चाहिए। अधिक से अधिक महिलाओं को बच्चों को छह महने के बाद बच्चों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री व रैसीपी के बारे में जागरूक किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों का निरंतर निरीक्षण होना चाहिए। उन्होंने जिला में वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं को उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की समीक्षा की, जिसमें बताया गया कि एक मास के दौरान 17 महिलाओं को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिला में लिंग जांच व कन्या भू्रण हत्या जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। महिला एवं बाल विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर इसके लिए जानकारी के माध्यम तैयार करें ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि होने पर तुरंत कार्यवाही अमल में लाई जाएं। ऐसे गुप्त एवं सही सूचना देने वालों को एक लाख रुपए का ईनाम दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत चल रहे पखवाड़े के दौरान लाभपात्रों के कार्ड बनाने की रैंकिंग में जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर है और इसी प्रकार टी.बी. कार्यक्रम के तहत आयोजित गतिविधियों में जिला पलवल प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। मलेरिया गतिविधियों के दौरान अब भविष्य में फोगिंग की गतिविधियां चलाई जाएं। उन्होंने कहा कि जिला में वैक्सीनेशन कार्यक्रम अच्छी प्रकार से चल रहा है तथा 60 वैक्सीनेशन सेंटरों के माध्यम से पात्र लोगों को कोविड-19 से बचाव के टीके लगाए जा रहे हैं। अभी तक टीकाकरण के बाद जिला में किसी भी व्यक्ति को काई समस्या नहीं आई है। उन्होंने कहा कि जिला में इस समय कोविड-19 के केस बढऩे की सम्भावना के मद्देनजर आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें पुलिस सुरक्षा भी रहेगी। इसके अलावा नए केस के मामले में कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर अधिक फोकस किया जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सतेंद्र दूहन, एसडीएम होडल संदीप अग्रवाल, एमडी शुगर मिल सुमन भांखड़, नगराधीश अंकिता अधिकारी, सीमएमजीजीए अर्चित वाट्स, सिविल सर्जन डा. ब्रह्मïदीप, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह नेहरा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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