संत कबीर दास की शिक्षाओं को अपनाकर जीवन को बनाए सुखद: उपायुक्त
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने कहा कि संत श्री कबीर दास महान संत थे। उनकी शिक्षाएं आज के आधुनिक युग में भी प्रासांगिक है। उनकी शिक्षाओं को अपना कर सुखद तरीके से जीवन जीया जा सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को उनकी शिक्षाएं अपनाकर जीवन स्तर को उंचा उठाने का प्रयत्न करना चाहिए। आदित्य दहिया ने यह विचार संत कबीर दास की 624 वीं जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोंधित करते हुए व्यक्त किये। जयंती समारोह का आयोजन स्थानीय रामराय गेट स्थित संत कबीर दास आश्रम में हुआ। इस अवसर पर संत श्री कबीर दास सेवा संघ के प्रधान कृष्ण दुग्गल, महासचिव महेन्द्र नागर, उप प्रधान मुकेश सौलंकी, मास्टर सतबीर सिंह समेत अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उपायुक्त का कार्यक्रम में पंहुचने पर स्वागत किया और कबीर आश्रम को लेकर कु छ मांगे भी रखी, उपायुक्त ने इन मांगों को पूर्ण करवाने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसडीएम दलबीर सिंह ने की। उन्होंने कहा कि कबीर दास द्वारा लिखे गए दोहे मनुष्य के मन को छू जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे पहले ऐसे संत थे, जिन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि ईश्वर मंदिर में न होकर मन में विराजमान है । इसलिए हम सब को उनकी विचारधारा से प्रेरणा लेकर समाज के नवनिर्माण के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और व आडंबर को मिटाने का कार्य किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कबीर जयंती पर दिया गया संदेश भी सुना। लोगों ने भजन संध्या का भी आनंद लिया।
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कबीर के दोहों ने हमेशा उन्नति का मार्ग खोला : उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने कबीर जयंती की बधाई देते हुए कहा कि कबीर दास जी ने सामजिक कुरीतियों पर कुठाराघात करते हुए, ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय, का संदेश दिया। तिनका कबहुं ना निन्दिये, जो पांवन तर होय, कबहुं उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय। धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠ तु आए फल होय। उपायुक्त ने कहा कि उनके दोहों ने हमेशा उन्नति का मार्ग खोला है और बेहतर समाज के लिए सही ज्ञान दिया है । कबीर दास ने सालों पहले जिंदगी जीने के नियम अपने दोहों के जरिए बताए, वो आज के दौर में भी उतने ही कारगर हैं, जितने उस वक्त थे । आज के दिन कबीर दास के अनुयायी उन्हें याद करते हैं और उनकी कविताओं का पाठ करते हैं। समारोह में सतीश नागर, रिंकू नागर, भारत भूषण टांक, रविदास सभा से मदनलाल समेत जिला कल्याण अधिकारी नरेन्द्र सिंह,लेखाकार दीपक व जिला कल्याण कार्यालय के कई कर्मचारी उपस्थित रहे।
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