सत्यखबर चंडीगढ, (ब्यूरो रिपोर्ट) – जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने रोडवेज की किलोमीटर स्कीम में हुए बड़े घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों के इस्तीफे देने की मांग की है। इतना ही नहीं इसके साथ घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ ने 28 जुलाई को पानीपत में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के आवास घेराव एलान किया है।
जेजेपी कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष संजीव मंदोला ने कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि रोजवेज कर्मियों ने 18 दिन हड़ताल कर रोडवेज विभाग में बड़ा घोटाला उजागर किया है लेकिन इस भाजपा सरकार ने दमनकारी नीति अपनाते हुए अपने घोटाले को छुपाने की भरपूर कोशिश की और कर्मचारियों को कामचोर बताकर उन पर एस्मा लगाया।
संजीव मंदोला ने कहा कि परिवहन विभाग की जिस किलोमीटर स्कीम को महकमे के मंत्री और सीनियर अफसर पारदर्शी बताते हुए लागू करने का दबाव बना रहे थे, उसमें बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि खुद सीएम मनोहर लाल ने भी कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्वीकार किया है, जिसकी तुरंत सीबीआई होनी चाहिए।
साथ ही संजीव मंदोला ने इस घोटाले के पीछे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल व परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार को जिम्मेदार ठहराया और उनका इस्तीफा मांगते हुए अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। मंदोला ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने हरियाणा रोडवेज में निजी बसों को शामिल करने की पॉलिसी को सिर्फ अपने चहतों को फायदा पहुंचाने और अपनी जेब भरने के लिए लागू किया था।
उन्होंने कहा कि स्वयं सीएम मनोहर लाल व परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार द्वारा पॉलिसी को मंजूर करते हुए निजी बसों का टेंडर जारी करवाया गया था जो स्टेट विजीलेंस की जांच में भी सामने आ गया है कि निजी बसों को लेकर सरकार की मंशा कुछ अगल थी। उनहोंने कहा कि यहीं कारण है कि रोडवेज बेड़े को बचाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों ने 18 दिन लगातार हड़ताल करनी पड़ी थी लेकिन सरकार ने पॉलिसी को वापिस लेने की बजाए कर्मचारियों को प्रताड़ित करते हुए एस्मा जैसा काला कानून लगाया और मामले दर्ज किया।
संजीव मंदोला ने कहा कि प्रदेश सरकार किलोमीटर स्कीम के बड़े घोटाले में लीपा पोती कर रही है जबकि विजीलेंस जांच के दौरान 510 निजी बसों के टेंडर में बड़ा घोटाला सामने आया है। उन्होंने कहा कि स्टेट विजिलेंस की जांच के दौरान 190 बसों के टेंडर को नियमों को ताक पर रखकर जारी किए गए। मंदोला ने कहा कि हाई प्रचेज कमेटी की बजाए सरकार ने अपने स्तर पर पॉलिसी को मंजूरी देते हुए रोडवेज विभाग को खत्म करने की साजिश रची गई थी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार ने लीपा-पोती करते हुए निचले छोटे स्तर के अधिकारियों को फंसाने व उच्च अधिकारियों व बड़े नेताओं को बचाने का प्रयास किया है जबकि निजी बसों की पॉलिसी लागू करने का मकसद सिर्फ अपनी जेब भरने के लिए साजिश रची गई थी।
मंदोला ने कहा कि हरियाणा सरकार की शह पर हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में शामिल सीएम, परिवहन मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इसकी तुरंत सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर जजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ द्वारा 28 जुलाई को पानीपत के मतलोड़ा में परिवहन मंत्री के निवास का घेराव करने का निर्णय लिया है।
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