सत्य खबर, दिल्ली
यह बात बहुत पहले से बताई जाती रही है कि भोजन को संतुलित बनाने के लिए उसमें सब्जियों की पर्याप्तता जरूरी है। इससे कई रोगों से बचाव होता है। लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या इस प्रकार का भोजन कार्डियोवस्कुलर डिजीज (सीवीडी) से भी बचाव करता है? यूनिवर्सिटी आफ आक्सफोर्ड के नूफील्ड डिपार्टमेंट आफ पापुलेशन हेल्थ, द चाइनीज यूनिवर्सिटी आफ हांग कांग और यूनिवर्सिटी आफ ब्रिस्टल के शोधकर्ताओं को इस पुरानी मान्यता के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। व्यापक स्तर पर किया गया यह नया अध्ययन ‘फ्रंटीयर्स इन नूट्रिशन’ में प्रकाशित हुआ है।
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शोधकर्ताओं के अनुसार, पहली नजर में ऐसा लगता है कि ज्यादा सब्जियां खाने से सीवीडी का जोखिम कम होता है। ऐसा इसलिए कि सब्जियों के अवयवों में कैरोटेनाइड्स और अल्फा-टोकोफेरोल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिनमें सीवीडी से बचाव के गुण होते हैं। लेकिन अभी तक जो अध्ययन हुए हैं, उसके आधार पाया गया है कि सब्जियां खाने का सीवीडी के मामले में एक जैसा प्रभाव नहीं होता है।
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पकी या कच्ची सब्जियां खाने का सीवीडी के जोखिम पर कोई असर नहीं होता है।
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में 399,586 लोगों को सूचीबद्ध कर प्रश्नावली के माध्यम से उनके खाने में पकी या कच्ची सब्जियों के दैनिक उपभोग के बारे में जानकारी जुटाई गई। इनमें से 4.5 प्रतिशत सहभागियों में सीवीडी की समस्या पैदा हो गई थी। उन्होंने इन लोगों के मायोकार्डिनल इंफ्रैक्शन, स्ट्रोक या गंभीर सीवीडी के कारण अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम का विश्लेषण किया।
पाया गया कि जिन लोगों ने दैनिक आधार पर पर्याप्त सब्जियों का सेवन किया, उनमें सीवीडी से मौत का जोखिम कम सब्जियां खाने वालों की तुलना में करीब 15 प्रतिशत तो कम थी, लेकिन जब इस आभासी प्रभाव को सामाजिक-आर्थिक, पोषण तथा स्वास्थ्य और दवा जैसे कारकों पर परखा गया तो उसकी मुकम्मल पुष्टि नहीं हुई
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