सत्य खबर, दिल्ली
टोक्यो पैरालिंपिक में राजस्थान की अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में पहला गोल्ड मेडल जीतकर देश का खाता खोल दिया है। जयपुर की रहने वाली अवनि पैरालिंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट भी हैं। उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 के फाइनल में 249 पॉइंट स्कोर कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने क्वॉलिफिकेशन राउंड में 7 वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।अवनि बचपन से ही दिव्यांग नहीं थीं, बल्कि उनका और उनके पापा प्रवीण लेखरा का 2012 में जयपुर से धौलपुर जाने के दौरान एक्सीडेंट हो गया था। इसमें उनके पापा और वह घायल हो गईं। कुछ समय बाद उनके पापा स्वस्थ हो गए, परंतु अवनि को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े, फिर भी रीड की हड्डी में चोट की वजह से वह खड़े और चलने में असमर्थ हो गईं। तब से व्हीलचेयर पर ही हैं।
अवनि बनी पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली तीसरी महिला एथलीट
अवनि पैरालिंपिक में मेडल जीतने वाली तीसरी शूटर भी हैं। उनसे पहले रियो में दीपा मलिक ने सिल्वर और टोक्यो पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीता
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इसी साल वर्ल्डकप में सिल्वर मेडल जीत कर किया था भारत का नाम रोशन
अवनि इस साल वर्ल्डकप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। वहीं 2019 में क्रोएशिया में भी सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। 2017 में वह जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 5 हैं।
अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से शूटिंग शुरू करने की मिली
अवनि कुछ दिन डिप्रेशन में रहीं और तब वह खुद को कमरे बंद कर लिया करती थी । माता-पिता के सतत प्रयासों के बाद अवनि में आत्म विश्वास लौटा और अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से प्रेरणा लेकर वह निशानबाजी करने लगीं।
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