सत्य खबर
सोशल मीडिया पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर टिप्पणी करने के आरोप में बर्खास्त हांसी के तहसीलदार के ड्राइवर पन्ना लाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर वितायुक्त संजीव कौशल सुनवाई के दौरान बेंच के सामने पेश हुए। संजीव कौशल ने कोर्ट को बताया कि ड्राइवर के बर्खास्तगी आदेश वापस ले लिए गए हैं.
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इस पर याचिकाकर्ता के वकील अनिल मेहता ने आशंका जताई कि सेवा में वापस लेने के बाद उनके खिलाफ राजनीतिक भावना से जांच कर कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए अगर कोई जांच होती है तो हिसार जिले से बाहर हो। इस पर हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने कहा कि अभी ये सिर्फ आशंका है, अगर ऐसा कुछ होता है तो याचिकाकर्ता दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दे सकता है।
इससे पहले, एसडीएम हांसी की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया था कि पन्ना लाल की नियुक्ति एक वर्ष के लिए 23 मई 2018 को आउटसोर्स के जरिए कांट्रेक्ट पर की गई थी, जिसकी अवधि बाद में बढ़ाते हुए 25 जुलाई 2020 तक कर दी गई थी। ऐसे में वो अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को कैसे चुनौती दे सकता है। क्योंकि जब उसके कांट्रेक्ट की अवधि ही समाप्त हो चुकी हो और फिर इस कार्यकाल में उसका काम संतोषजनक भी नहीं था। उसके बाद फेसबुक पर डिप्टी सीएम पर टिपण्णी करना सेवा में रहते बिलकुल सही नहीं है। ये प्रोफेशनल मिसकंडक्ट है जिसकी जांच के बाद उसे बर्खास्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए थे।
बता दें कि पन्ना लाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 15 दिसंबर को जारी उस आदेश को रद करने की मांग की थी जिसके तहत उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। याचिका में पन्ना लाल ने कोर्ट को बताया कि वो आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत ड्राइवर के पद पर कार्यरत था। जिस पोस्ट को आधार बनाकर उसे नौकरी से निकाला गया, वो दुष्यंत चौटाला के डिप्टी सीएम बनने से पहले की पुरानी पोस्ट है। उसे कोई नोटिस दिए बगैर और बिना जांच के ही सीधे आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया गया
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