सत्य खबर, रोहतक
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार पर पूरी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर (Dushyant Chautala Statement on defeat of Congress) दिया है. डिप्टी सीएम ने कांग्रेस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ही कांग्रेस की हार का मुख्य कारण बताया है. साथ ही दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम देखकर यह साफ पता चलता है कि देश में अब लड़ाई क्षेत्रीय पार्टियों और राष्ट्रीय पार्टियों के बीच है.
गौरतलब है कि दुष्यंत चौटाला रविवार देर रात को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय पहुंचे (Dushyant Chautala in Rohtak) थे. विश्वविद्यालय के टैगोर सभागार में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस कवि सम्मेलन में दिनेश दिग्गज, रासबिहारी गौड, पदमश्री सुनील जोगी, सुंदर कटारिया, महावीर गुड्डू, जगबीर राठी, शंभू शिखर, राजकुमार धनखड़ व मुमताज ने काव्य पाठ किया. इस दौरान जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला भी मौजूद रहे. कार्यक्रम को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि तनाव के इस जीवन में हंसी का होना बहुत जरूरी है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में हंसी को अवश्य शामिल करना चाहिए.
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वहीं पांच राज्यों में कांग्रेस की हार पर डिप्टी सीएम ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस पार्टी को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण खुद कांग्रेस और कांग्रेसी हैं. जहां एक तरफ पंजाब में मुख्यमंत्री बदले जाने के बावजूद गलत निर्णयों की वजह से कांग्रेस पार्टी हार गई, तो वहीं उत्तर प्रदेश में खुद प्रियंका गांधी ने बागडौर संभाल रखी थी. इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी 2 सीटों तक सिमट गई.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अब देश में क्षेत्रीय पार्टियों और राष्ट्रीय पार्टियों के बीच लड़ाई है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तो यूपी में समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है और मणिपुर में जेडीयू ने 6 सीट हासिल की. उन्होंने कहा कि अब जनता विकास को देखकर वोट डालती है. साथ ही उपमुख्यमंत्री ने पंजाब में बादल परिवार की हार पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान अकाली दल ने एनडीए ने नाता तोड़ा और फिर चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. यह सोचने का विषय है कि सबसे पुरानी पार्टी अकाली दल को किसलिए हार का सामना करना पड़ा.
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