सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भारत की जनवादी नौजवान सभा और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री के नाम मांग-पत्र एसडीएम के आशुलिपिक को सौंपा। मांगपत्र के माध्यम से मांग उठाई गई कि प्रदेश में 1 साल के लिए भर्तियों पर पाबंदी के फैसले को वापस लेकर पहले से चल रही सभी भर्तियां पूरी की जाएं व नई भर्तियां निकाली जाएं, सभी बेरोजगार युवाओं को कोरोना से उपजे हालात सामान्य होने तक न्यूनतम वेतन के बराबर बेरोजगारी भत्ता दिया जाए, शिक्षा विभाग में 1983 पीटीआई को कार्यमुक्त करने के आदेश को निरस्त कर इनको सेवा सुरक्षा दी जाए, सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान कोई फीस नहीं ली जाएं, स्वास्थ्य विभाग में सिक्योरिटी गार्ड समेत अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की छटनी पर रोक लगाकर इन कर्मचारियों को स्थाई किया जाए, स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों सहित विभिन्न खाली पदों पर स्थाई भर्तियां करों। सरकारी अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाए, पूरे प्रदेश में मनरेगा को सुचारू ढंग से लागू किया जाए, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए, बिजली, परिवहन सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। जनवादी नौजवान सभा के जिला सचिव नरेश दनौदा ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश व प्रदेश पिछले लगभग 3 महीने से बंद पड़ा है। सैकड़ों छोटे-बड़े उद्योग धंधे बंद होने के कारण लाखों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोने पड़े है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने भी 1 वर्ष के लिए भर्तियों पर रोक लगाने का फैसला कर लिया जो कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस मौके पर डिम्पल, रिक्की सिंगल, नरेश इच्छा, विरेंद्र सिंह व विक्रम अनजान आदि युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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