सत्यखबर, भिवानी
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने डेंटल सर्जन भर्ती गड़बड़ी मामले में भिवानी से गिरफ्तार आरोपी नवीन के गांव कोंठ में रविवार को दबिश दी। वहीं, विजिलेंस की जांच अब चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय (CBLU) भिवानी तक पहुंच गई है। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि इस गिरोह के तार CBLU से जुड़े हुए हैं। डेंटल सर्जन भर्ती में विजिलेंस टीम ने भिवानी में नवीन के घर से रोल नंबर और भरे हुए आवेदन फार्म बरामद किए हैं। ये सभी रोल नंबर नवीन ने गिरफ्तार दूसरे आरोपी अश्विनी शर्मा को दिए थे। इन 11 में से आठ बच्चे पास हो गए थे। हिसार के दौलतपुर निवासी नरेंद्र की शिकायत में जिस उम्मीदवार दलबीर सिंह का डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए रोल नंबर दिया था, उसका भी फार्म मिला है। इस रोल नंबर के नवीन ने 20 लाख रुपये डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए थे।
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विजिलेंस टीम ने रविवार को लोक सेवा आयोग (HPSC) के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर(HCS), नवीन और अश्विनी शर्मा को आमने-सामने बैठाया और पूछताछ की। आरोपियों ने कुबूला कि एचसीएस परीक्षा पास करवाने के लिए कुल 16 नाम दिए थे। इसमें से पांच पास हुए थे। 10 नाम नवीन ने दिए थे। पांच नाम पवन और एक नाम देवेंद्र रावत ने दिया था। पवन और देवेंद्र रावत का संबंध भिवानी की चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (CBLU) से जुड़ा है। अब विजिलेंस की जांच का अगला केंद्र विश्विवद्यालय से हो सकता है।एचसीएस अनिल नागर का रिमांड मंगलवार को खत्म हो रहा है। आरोपी नवीन का रिमांड 22 नवंबर तक है। नवीन पहला आरोपी है, जिसे विजिलेंस ने 20 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था। विजिलेंस उसे सोमवार को कोर्ट में पेश करेगी। विजिलेंस के DSP शरीफ सिंह का कहना है कि आरोपी नवीन को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं अनिल नागर को मंगलवार को पेश किया जाएगा।
आरोही स्कूलों में पहले भी मिली थीं गड़बड़ियां
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) में डिप्टी सेक्रेटरी बनने से पहले अनिल नागर भिवानी बोर्ड में सचिव के पद पर तीन साल से ज्यादा समय रह चुके हैं। इस दौरान बोर्ड में टीचरों की भर्तियां हुईं थीं। इनमें तत्कालीन एसीएस की रिपोर्ट के अनुसार गड़बड़ी मिली थी। इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। डेंटल सर्जन भर्ती में OMR शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने के मामले में स्टेट ब्यूरो विजिलेंस ने कार्रवाई की। ब्यूरो ने गुरुवार को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 90 लाख रुपए के कैश के साथ उनके कार्यालय से पकड़ा था। यह पैसा अनिल नागर का सहायक झज्जर निवासी अश्विनी देने पहुंचा था। विजिलेंस ने उसके घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रुपए की राशि बरामद की थी। उसने खुलासा किया था कि इसमें से 90 लाख रुपए अनिल नागर के हिस्से के हैं।
विजिलेंस के कहने पर वह पंचकूला कार्यालय में पैसे देने के लिए पहुंचा और अनिल नागर ने जब उससे कैश लिया तो विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद दूसरे दिन सर्च अभियान में करीब एक करोड़ दो लाख रुपए और पकड़े गए। शनिवार को भी करीब एक करोड़ 30 लाख रुपए पकड़े गए। अब तक इस पूरे मामले में तीन करोड़ 60 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं। विजिलेंस के सर्च अभियान में दूसरे दिन शुक्रवार को एचसीएस अधिकारी अनिल नागर के पंचकूला वाले घर से करीब 12 लाख रुपए कैश, 50 लाख की कीमत की एक भूमि की रजिस्टर्ड लैंड, लैपटॉप और फोन बरामद किया गया।
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