सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
अम्बेडकर भवन तथा वाल्मीकि अम्बेडकर आन्दोलन ने संविधान निर्माता युग पर्वत्तक नारी रक्षक, वंश दानी, डा. भीमराव अम्बेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस अम्बेडकर मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें शत-शत नमन करते हुए सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा के बड़े भाई सतीश सुरजाखेड़ा ने बताया कि 6 दिसम्बर बाबा साहिब भीमराव अम्बेडकर इस दुनिया को अलविदा कह गये थे। भारत को जो क्षति इस महान नायक के न होने से हुई है, उन की क्षति को पूरा नहीं कर पायेगा। दलित समाज के लिए बड़े दुख की बात है कि बाबा साहेब अम्बेडकर इस दुनिया को छोड़कर जाने से पूर्व उन्होंने तीन मंत्र शिक्षित करना, संघर्ष करना तथा संगठित होना दिये थे, लेकिन अभी तक समाज तीन मंत्रों पर अमल नहीं कर पाया है। डॉ. प्रीतम मेहरा ने कहा कि डा. बाबा साहेब ने कहा था कि ऐसा वक्त आ सकता है जब हम अन्याय रोकने में असमर्थ हो, मगर ऐसा वक्त कभी नहीं आना चाहिए, जब हम विरोध करने में नाकाम हो। आज जरूरत है संविधान को जानने की, उनको मानने की और उनके विचारों पर चलने की। इस मौके पर डा. प्रीतम मेहरा कोलेखां, संजय कालवन, बीरभान मढाड, रणधीर, सतबीर सरोहा, इंद्र गुरूसर, नरेश मतंग, मुकेश, विनोद डुमरखां, राजकुमार, बीरभान, प्रदीप, सुरेन्द्र, परमवीर आदि सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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