सत्य खबर, लखनऊ। एक तरफ सीएम योगी सरकार की छवि सुधारने में लगे हैं तो कुछ विभाग के लोग उनकी इस मेहनत पर पानी भी फेरते नजर आ रहे हैं। बात जब यूपी पुलिस की हो तो फिर बात ही क्या। यूपी पुलिस अक्सर अपनी खराब छवि के चलते सवालों के घेरे में रहती है। इसके बाद भी कुछ पुलिस कर्मी रोजाना नए-नए हथकंडों से विभाग की बची खुची छवि को धूमिल करने से बाज नहीं आते। कभी रिश्वत मांगने का ऑडियो तो कभी बेकसूरों पर लाठीचार्ज। आए दिन यूपी पुलिस के किस्से सामने आते ही रहते हैं। आला अधिकारियों के पास खबर पहुंचते ही इन लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन फिर अन्य पुलिसकर्मी इससे कुछ भी सीखने को तैयार नहीं होते।
मामला गुन्नौर कोतवाली का है। यहां तैनात दारोगा और महिला डॉक्टर के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर को थाने से छुड़ाने के एवज में तीस हजार रुपये देने की बात कही जा रही है, लेकिन दरोगा केवल 15 हजार रुपये मिलने की बात स्वीकार रहा है। मामले को निपटाने के लिए महिला डाक्टर कुछ भी करने को तैयार है। वायरल वीडियो में दरोगा महिला डॉक्टर को 41 के नोटिस पर साइन कराने के लिए बुला रहा है। बातों ही बातों में महिला डॉक्टर ने दरोगा को दिए पैसे के बारे में पूछ लिया। जब दरोगा ने नोटिस पर साइन कराने के लिए कोतवाली बुलाने को कहा तो महिला डाक्टर बोली, कहीं उसके साथ भी तो वही नहीं होगा, जो उसके डाक्टर के साथ हुआ। दरोगा बोला कि क्या हुआ तो महिला ने कहा कि पुलिस ने डाक्टर को कोतवाली में बैठा लिया था। डाक्टर को छुड़ाने के लिए उसे तीस हजार रुपये देने पड़े थे।
दरोगा स्वीकार करता है कि उसे केवल पंद्रह हजार रुपये मिले। बाकी रुपये पैरवी करने वाले ने रख लिए होंगे। बात आगे को बढ़ी और महिला ने पूछा कि पहले आपको कितने रुपये मिले। इस पर दरोगा ने कहा कि उसे ध्यान नहीं है। महिला ने कहा कि उसने डेढ़ लाख रुपया दिया था। दरोगा सफाई देते हुए कहता है कि थाने में आकर बात करते हैं। महिला डॉक्टर ने कहा कि मामला निपटा दो, मैं आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हूं। आपको बता दें कि जुनावई क्षेत्र में क्लीनिक पर मौत हो जाने के बाद में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी विवेचना गुन्नौर कोतवाली में तैनात दरोगा कर रहा है। वहीं इंस्पेक्टर रामवीर सिंह का कहना है कि वायरल ऑडियो की जांच कर कार्रवाई कराई जाएगी।
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