सत्यखबर, नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर वायु प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में अगले कुछ दिनों में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ सकता है. वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार पांच और छह नवंबर को दिल्ली एनसीआर की वायु वायु गुणवत्ता और ज्यादा खराब हो सकती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 4 नवंबर तक ‘खराब’ श्रेणी में रहने की उम्मीद है, जो 5 से 6 नवंबर को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग दिल्ली के वैज्ञानिक वी.के. सोनी ने कहा कि 4 नवंबर तक हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं और पटाखे फोड़ने के कारण यह 5 से 6 नवंबर को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है. सोनी ने आगे कहा कि दिल्ली में अगले तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा .
103 में से सिर्फ दो शिकायतों का हुआ निपटारा, समस्या बरकरार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) शहरों की एजेंसियों ने 424 शिकायतों में से केवल 47 का समाधान किया है.
सीपीसीबी के मुताबिक, अधिकतर शिकायतें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, कच्ची सड़कों, सड़क की धूल, कचरा और औद्योगिक कचरे को खुले में फेंकने और यातायात जाम से संबंधित हैं.
दिल्ली में दर्ज 277 शिकायतों में से 26 का निपटारा किया गया है, जबकि 91 प्रतिशत लंबित हैं. उत्तर दिल्ली नगर निगम ने उसे मिली 103 में से सिर्फ दो शिकायतों का समाधान किया है. वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम भी दो ही शिकायतों को हल कर सकी है, जबकि उसे 88 शिकायतें मिली थीं.
लगातार छठे दिन ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई वायु गुणवत्ता
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को लगातार छठे दिन ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां की हवा में मौजूद प्रदूषक पीएम2.5 में सात प्रतिशत की हिस्सेदारी पराली जलाने की रही.
वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं की वजह से अगले दो दिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार होगा.
दिल्ली के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में पीएम2.5 और पीएम10 प्रदूषक का स्तर दीवाली की रात क्रमश: 250 माइक्रोग्राम और 398 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर पहुंच सकता है.
पीएम2.5 और पीएम10 का स्वीकार्य स्तर क्रमश: 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है.
पांच और छह नवंबर को और बिगड़ सकते हैं हालात
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, ‘दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पांच और छह नवंबर को गिरावट आने का पूर्वानुमान है और इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है. इस स्थिति के लिए पीएम2.5 प्रदूषक मुख्य रूप से जिम्मेदार होगा.’
‘सफर’ ने बताया कि रविवार को दिल्ली के उत्तरी पश्चिमी इलाको में पराली जलाने की 3,971 घटनाएं दर्ज की गईं जो इस मौसम में सबसे अधिक है.
एजेंसी ने बताया, ‘पराली जलाने से निकलने वाले पीएम2.5 (अति सूक्ष्म ठोस कण) का हिस्सा प्रदूषण में कम रहा क्योंकि उनके वहन के लिए हवा की प्रतिकूल परिस्थितियां रहीं.’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया. रविवार को और शनिवार को एक्यूआई क्रमश: 289 और 268 दर्ज किया गया था.
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब”, तथा 401 और 500 के बीच ”गंभीर” माना जाता है.
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों से आई 424 शिकायतें
सीपीसीबी के मुताबिक एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से प्रदूषण को लेकर आई केवल 11 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा 15 अक्टूबर से अब तक किया है. गौरतलब है कि इसी तारीख से यहां वायु गुणवत्ता खराब होने की वजह से श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) लागू की गई थी.
सीपीसीबी के मुताबिक एजेंसी 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली और एनसीआर के तहत हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों से आई 424 शिकायतों में से केवल 47 का निपटारा कर सकी.
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