नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर हर किसी की नजर रहती है….दिल्ली को भले ही पूर्ण राज्य का दर्जा ना मिल पाया हो, लेकिन देश के लगभग हर राज्य का नागरिक दिल्ली में मिल जाएगा…..यहीं कारण है कि दिल्ली में जाति के स्थान पर क्षेत्रवाद का मुद्दा हावी रहता है…..इसी के चलते हर राजनीतिक दल भी दूसरे प्रदेशों के अपने नेताओं को दिल्ली में चुनावी प्रचार में उतारते है….
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने तो अभी से पड़ोसी राज्य हरियाणा के अपने नेताओं की अलग-अलग इलाकों में ड्यूटी भी लगा दी है….दिल्ली के 350 से ज्यादा गांव यहां की राजनीति में अपना एक अहम रोल अदा करते है…बीजेपी और कांग्रेस के बाद अन्ना आंदोलन से सामने आए अरविंद केजरीवाल ने 2013 में दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी…..बाद में 2015 में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर अपने दम पर सरकार बनाई…
इस बार के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी केजरीवाल और उनके किए कामों को सामने रखकर चुनाव लड़ रही है…वहीं, बीजेपी की ओर से पीएम मोदी को सामने रखकर चुनाव लड़ा जाएगा…ऐसे में ये देखना काफी रोचक होगा की जनता इस बार किस पर अपना भरोसा जताती है…
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