सत्य खबर, चण्डीगढ़। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने देश के अन्नदाताओं को शांतिपूर्ण, ऐतिहासिक और पूरी दुनिया में चर्चित आंदोलन में जीत के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिन मांगों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच सहमति बनी है उनको पूरा करने में सरकार कोई भी ढिलाई न बरते और जल्द से जल्द समझौते के अनुसार उन्हें लागू करे। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि इस शांतिपूर्ण किसान आंदोलन से एक बात तो सरकार की समझ में आ ही गयी होगी कि देश का किसान जब ठान लेता है तो फिर वो न रुकता है, न झुकता है। किसान की राष्ट्रभक्ति पर उंगली उठाने वाले लोगों को भी आज ये बात समझ में आ गयी होगी कि देश के किसानों ने सर्दी, गर्मी और बरसात में खुले आसमान के नीचे रातें गुजारी, तमाम सरकारी प्रताड़ना और अपमान सहे। धरनों पर उनके साथियों की लाशें एक के बाद एक उठती रहीं, लेकिन वो विचलित नहीं हुए और शांति व अनुशासन के मार्ग को नहीं छोड़ा। देशभक्ति का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है। सरकार भविष्य के लिये भी सबक ले कि देश के किसान से टकराना नहीं है।
उन्होंने किसानों के मैराथन संघर्ष की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि आज खुशी भी है और आंखे नम भी हैं।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार संवेदनशील होती तो आज कुछ मांगें तो होती ही नहीं। न मुकदमे वापस लेने की मांग आती, क्योंकि तब तक किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज नहीं हुए थे। न ही इस आंदोलन में अपनी जान की कुर्बानी देने वाले करीब 700 किसानों को आर्थिक मदद और नौकरी देने की मांग होती, क्योंकि उन किसानों के परिवार में अंधेरा नहीं होता, करीब 700 परिवारों के चिराग नहीं बुझते। न लखीमपुर खीरी कांड होता न गृह राज्य मंत्री के इस्तीफा देने की मांग उठती। एक वर्ष से चल रहे इस आंदोलन और किसानों के तप, त्याग और तपस्या की वजह से देश का बच्चा-बच्चा किसानों की बुनियादी समस्या और उनके अहम मुद्दों से अच्छी तरह से परिचित हो गया है।
जेजेपी की जनसरोकार रैली फ्लॉप-शो
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने जेजेपी की जनसरोकार रैली को फ्लॉप-शो बताते हुए कहा कि ये जनसरोकार नहीं बल्कि विश्वासघात रैली थी। क्योंकि, जेजेपी ने हरियाणा की जनता के साथ विश्वासघात किया है। अगर जेजेपी नेता जनता को दी गयी अपनी जबान पर खरे उतरते तो प्रदेश में आज बीजेपी की सरकार नहीं होती। उन्होंने तंज कसा कि चुनाव प्रचार में जिनको भेजते थे यमुनापार, उन्हीं के साथ मिलकर बना ली सरकार।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के अन्य उच्च अधिकारियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई शहादत से पूरे देश में शोक की लहर है। अभी तो सीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था। ऐसे समय में कम से कम देश की सेना के सम्मान में जेजेपी को रैली कैंसिल कर देनी चाहिए थी। जैसे चौ. देवीलाल के निधन के बाद हुड्डा साहब ने पानीपत की रैली कैंसिल कर दी थी। उस समय पानीपत में कार्यकर्ताओं के लिये लाखों लोगों के बैठने के लिए विशाल शामियाना लगाया था। कार्यकर्ताओं ने हज़ारों वाहनों की एडवांस बुकिंग करा रखी थी, लेकिन देवीलाल के निधन के कारण हुड्डा साहब ने रैली रद्द करने का फैसला किया था।
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